सीरत-ए-नबी ज्ञान प्रतियोगिता का हुआ आयोजन.. 30 नवंबर को होगा सम्मान समारोह


मुजफ्फरनगर। मुस्लिम एजुकेशनल सोशल एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (मेस्को) दधेडू, मुजफ्फरनगर द्वारा रविवार को सीरत-ए-नबी ज्ञान प्रतियोगिता का सफल आयोजन जिलेभर के विभिन्न स्कूलों में एक साथ किया गया। इस बड़े पैमाने पर आयोजित दीनी प्रतियोगिता में मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जनपद के लगभग 15,000 छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर इस्लामी इतिहास और पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद ﷺ की शिक्षाओं के प्रति अपनी रुचि का परिचय दिया।
📘 प्रतियोगिता का उद्देश्य…
मेस्को ऑर्गेनाइजेशन का उद्देश्य बच्चों में दीनी जानकारी, मजहबी समझ, लेखन कला और अभिव्यक्ति की क्षमता को बढ़ावा देना था। आयोजकों का मानना है कि आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा का समावेश बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक है।
संयोजक मास्टर नईम ने बताया कि प्रतियोगिता को तीन ग्रुपों में बांटा गया —
ग्रुप A: कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थी
ग्रुप B: कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थी
ग्रुप C: कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी
प्रत्येक ग्रुप के लिए प्रश्नपत्र बच्चों की आयु और कक्षा के अनुसार तैयार किए गए थे। इसमें इस्लामी इतिहास, पैग़म्बर की जीवनी, नैतिक शिक्षाएँ, और सामाजिक आचरण से जुड़े प्रश्न शामिल थे।
🏫 आयोजन के केंद्र और निगरानी व्यवस्था..
प्रतियोगिता के लिए जिलेभर में फारूख मॉडर्न पब्लिक स्कूल, गौड ग्रेस पब्लिक स्कूल सहित कुल 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर सेंटर पर दो ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए।
फारूख मॉडर्न पब्लिक स्कूल में प्रतियोगिता का संचालन ऑब्जर्वर तहसीन अली असारवी और सेंटर इंचार्ज मास्टर आसिफ की देखरेख में शांतिपूर्ण एवं अनुशासित वातावरण में सम्पन्न हुआ।
मास्टर आसिफ ने बताया कि बच्चे इस प्रतियोगिता के प्रति बेहद उत्साहित दिखे और अधिकांश ने बेहद सलीके से अपने उत्तर लिखे। उन्होंने कहा कि बच्चों में पैग़म्बर मोहम्मद ﷺ के जीवन से प्रेरणा लेकर सही दिशा में आगे बढ़ने की भावना दिखी, जो इस आयोजन की सबसे बड़ी सफलता है।
🕌 ज्ञान, संस्कृति और समाज सेवा का संगम..
मेस्को ऑर्गेनाइजेशन बीते कई वर्षों से शिक्षा, समाज सेवा और सांस्कृतिक जागरूकता के क्षेत्र में सक्रिय है। संस्था का मानना है कि शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि इंसानियत और नैतिकता को मजबूत करने का माध्यम है।
इस प्रतियोगिता के माध्यम से संस्था ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि आधुनिक दौर में भी बच्चों को अपने मजहब, तहज़ीब और संस्कृतियों से जोड़ना आवश्यक है।
🏆 सम्मान समारोह 30 नवंबर को…

मास्टर आसिफ ने बताया कि प्रतियोगिता के परिणामों का मूल्यांकन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को 30 नवंबर को आयोजित होने वाले भव्य सम्मान समारोह में पुरस्कार, प्रमाणपत्र और विशेष ट्रॉफी देकर सम्मानित किया जाएगा।
सम्मान समारोह में जिले के प्रमुख शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और धार्मिक विद्वानों को आमंत्रित किया जाएगा। आयोजन का स्थल शीघ्र घोषित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि —
“ऐसे आयोजनों से न सिर्फ बच्चों में धार्मिक ज्ञान की समझ बढ़ती है, बल्कि उनमें समाज और इंसानियत की सेवा की भावना भी पैदा होती है। यही असल मकसद है हमारे इस प्रयास का।”




