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साइबर फ्रॉड से सुरक्षा क़ो लेकर वित्तीय जागरूकता का ‘महाकुंभ’

ग्रामीणों का हुआ वित्तीय समावेशन, साइबर फ्रॉड से भी मिली सुरक्षा

UP के ज़िला सहारनपुर से..

एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ाते हुए, सहारनपुर के साढ़ौली कदीम ब्लॉक के ग्राम रायपुर में क्रिसिल फाउंडेशन और भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राम प्रधान के सहयोग से एक भव्य “मेगा कैम्प” का सफल आयोजन किया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को वित्तीय रूप से साक्षर बनाना, उन्हें वित्तीय समावेशन की मुख्यधारा से जोड़ना और बढ़ते साइबर फ्रॉड से सुरक्षित रहने के गुर सिखाना था, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर आत्मनिर्भर बन सकें। यह महत्वपूर्ण पहल क्रिसिल फाउंडेशन की क्षमता वर्धन अधिकारी शीज़ा खानम की उपस्थिति में संपन्न हुई।
*केवाईसी से किसान क्रेडिट कार्ड तक वित्तीय ज्ञान की पाठशाला*
मनीवाईज़ वित्तीय साक्षरता केंद्र, पुंवारका, साढ़ौली कदीम ब्लॉक के फील्ड कोऑर्डिनेटर धनपाल सिंह द्वारा ग्राम रायपुर में आयोजित शिविर में क्रिसिल फाउंडेशन की क्षमता वर्धन अधिकारी शीज़ा खानम ने ग्रामीणों को वित्तीय सुरक्षा के मूल मंत्र समझाए। उन्होंने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) के महत्व पर विशेष जोर देते हुए बताया कि यह वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए क्यों अत्यंत आवश्यक है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्होंने ‘युवा उद्यमी योजना’ की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के बारे में बताया, जो उन्हें विभिन्न कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलंबी बनने में मदद करता है।

बचत और निवेश से सामाजिक सुरक्षा तक: हर ग्रामीण के लिए समाधान
शीज़ा खानम ने बचत बजट के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री जन धन योजना, आवर्ती जमा, सावधि जमा, लोक भविष्य निधि, और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी विभिन्न निवेश योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत, उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, और अटल पेंशन योजना के बारे में बताया, जो अप्रत्याशित परिस्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान कर ग्रामीणों को सुरक्षा कवच प्रदान करती हैं।

डिजिटल युग में सुरक्षा: साइबर फ्रॉड से बचाव के अचूक उपाय

भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक शौकीन अली ने एक प्रेरक संदेश देते हुए कहा, “एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति पूरे जीवन पैसे के लिए काम करता है, जबकि अमीर आदमी के लिए पैसा काम करता है। हमें इस अंतर को समझना होगा और पैसे के लिए काम न करते हुए पैसे को काम पर लगाना होगा। जो इस अंतर को समझ गया, समझ लो वह अमीर बनने के बहुत नजदीक है।” यह संदेश ग्रामीणों को वित्तीय स्वतंत्रता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाला था।
फील्ड कोऑर्डिनेटर धनपाल सिंह ने डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय बताए, जिससे ग्रामीण ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित रह सकें। उन्होंने डिजिटल बैंकिंग के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाते हुए कहा कि “समय के साथ चलना चाहिए। डिजिटल बैंकिंग आज के समय की आवश्यकता है, ऐसे में जो डिजिटल बैंकिंग से दूर हैं, वह अपने पिछड़ेपन का कारण स्वयं बन रहे हैं।” उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वह किसी को भी अपने एटीएम का पिन कोड, सीवीवी या ओटीपी ना बताएं, क्योंकि यह उनके धन की चाबी है, जिससे उनका धन चोरी हो सकता है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान सलमान, पूर्व प्रधान राव कादिर, राव आरिफ, मुजफ्फरराबाद के फील्ड कोऑर्डिनेटर अनिल कुमार और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस जन-कल्याणकारी पहल को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य सहयोग दिया। यह मेगा कैम्प निश्चित रूप से रायपुर के ग्रामीणों के लिए एक नया वित्तीय सवेरा लेकर आया है।

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