सूबे में विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिमों पर भरोसा दिखा रही भाजपा

अल्पसंख्यक मोर्चा के माध्यम से मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने की कवायद
प्रदेश में 21, पश्चिमी क्षेत्र में 23 और जनपद की टीम में जोड़े 27 मुस्लिम
मेरठ से महविश जाकिर की स्पेशल रिपोर्ट
सूबे में विधानसभा की तैयारी में जुटी भाजपा मुस्लिमों को साधने की कोशिश कर रही है। अल्पसंख्यक मोर्चा के माध्यम से पार्टी मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ रही है। मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ने का अभियान जोर शोर से चलाया जा रहा है। जनपद से लेकर प्रदेश तक अल्पसंख्यक मोर्चा का गठन किया गया, जिसमें सबसे ज्यादा तरजीह मुस्लिमों को दी गई है। प्रदेश कमेटी में 21, पश्चिमी क्षेत्र में 23 और जनपद की गठित टीम में 27 मुस्लिम पदाधिकारियों को जगह दी गई। कमेटी में महिलाओं को तवज्जोह नहीं दी गई। प्रदेश, क्षेत्रीय और जनपद की टीम में मात्र चार महिलाओं को ही पद से नवाजा गया।
गौरतलब है कि गत दिनों भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा में कुंवर बासित अली को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद बासित अली ने अपनी कमेटी का विस्तार किया। कमेटी में 26 कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बनाया गया, जिसमें 21 मुस्लिमों को जगह दी गई। इसमें दो जैन और तीन पदाधिकारी सिख समाज से जोड़े गए। प्रदेश कमेटी में एक भी कार्यकर्ता मेरठ से नहीं लिया गया, जबकि बासित मेरठ निवासी होने के कारण कार्यकर्ताओं को चुने जाने की उम्मीद थी। 12 अगस्त को क्षेत्रीय कमेटी की घोषणा की गई। इसमें भी मुस्लिमों को सबसे ज्यादा जगह दी गई, 31 नामों की इस सूची में 23 मुस्लिमों को पद से नवाजा गया। जैन समाज से चार और सिख समाज से भी चार कार्यकर्ताओं को लिया गया। अब जिले की कमेटी का गठन किया गया है। जिलाध्यक्ष नईम तोमर द्वारा बनाई गयी टीम में भी 27 मुस्लिमों को कमेटी में लिया गया। इसमें दो जैन और एक सिख समाज से लिया गया। जिस तरह से अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ रहा है और कमेटी में जगह दे रहा है, इससे भाजपा मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने का साफ संदेश दे रही है।
किस तरफ जाए, पशोपेश में प्रदेश का मुस्लिम
हालांकि मुस्लिम पशोपेश में है कि वह कहा जाए। एक तरफ सपा, रालोद, बसपा मुस्लिमों की हितैषी बन रही हैं, दूसरी ओर भाजपा भी मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ रही है। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने के लिए प्रदेश में बैठक कर रहे हैं। बिहार और पश्चिमी बंगाल के बाद अब ओवैसी यूपी में अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं और वे भी मुस्लिमों पर निशाना साध रहे हैं।
कमेटी में महिलाओं को नहीं दी गई तवज्जो
एक तरफ भाजपा मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बयान देती रहती हैं, जबकि दूसरी ओर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में महिलाओं को जगह नहीं दी गई। प्रदेश कमेटी में मात्र दो महिलाओं नेहा खान और फरहा नाज को जगह दी गई, जबकि क्षेत्रीय कमेटी में अमृता रंधावा और जिला कमेटी टीम में फिरदौस कुरेशी को पदाधिकारी नियुक्त किया गया।
‘मुस्लिम संख्या में ज्यादा है, सिक्खों और ईसाई की तुलना में मस्लिमों की हिस्सेदारी अधिक है। जहां सिक्ख बहुत है उनको ध्यान में रखा गया है। भाजपा ही मुस्लिमों की हितैषी है, इसी कारण मुस्लिम भाजपा में अपना भविष्य तलाश रहा है। भाजपा के अलावा मुस्लिमों का कोई हितैषी भी नहीं है।’
कुंवर बासित अली, प्रदेश अध्यक्ष अल्पंसख्यक मोर्चा भाजपा।