अपना मुज़फ्फरनगर

शिक्षा व समाज के लिए अर्पित है जीवन, सेवानिवृत्त होने के बाद भी लगातार जुटे है मिशन में

1995 में राज्य शिक्षक पुरुस्कार अवार्डी है आदर्श शिक्षक गजेंद्र पाल

मुजफ्फरनगर। यहां आदर्श शिक्षक की बात की जाए तो कल्याणकारी इंटर कॉलिज बघरा में लंबे समय तक कार्यरत रहे गजेंद्र पाल का नाम अव्वल नम्बर पर आता है। जिन्होंने 1000 से ज्यादा छात्र छात्राओं को शिक्षक बनाया, यह आज भी विभिन्न स्कूल्स व कॉलिजेज में सेवा कर रहे है। शामली जिले के ऐलम में स्वतंत्रता सेनानी बाबू अतर सिंह के घर जन्मे गजेन्द्र पाल 1965 से 1975 तक बघरा में स्थित बीटीसी यूनिट के प्रभारी रहे। इन्होंने 600 युवाओं को शिक्षक की दहलीज पर खड़ा किया। 1975 में इन्हें बघरा इंटर कॉलिज में समायोजित किया गया। स्वामी कल्याण देव महाराज ने इनकी प्रतिभा को परखा इन्हें बघरा में नवोदय विधालय, कृषि विज्ञान केंद्र, डिग्री कॉलिज, कन्या कॉलिज, आयुर्वेद कॉलिज, दयानंद कन्या विद्यालय भाजू व एमएस हाई स्कूल बनत की स्थापना का काम सौंपा गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें 1995 में राज्य शिक्षक पुरुस्कार से सम्मानित किया। राषटीय हिंदी परिषद ने 2011 में हिंदी गौरव की उपाधि से सम्मानित किया। राज्य पुरस्कार मिलने के बाद सरकार ने 2002 व वर्ष 2004 में उन्हें सेवा विस्तार दिया। 2000 से 2005 तक आप नगर पालिका के सदस्य रहे।वर्ष 2007 में उन्हें स्वामी कल्याण देव डिग्री कॉलिज कैथोड़ा की स्थापना के साथ ही स्वामी ओमानंद बृह्मचारी ने उन्हें प्राचार्य की जिम्मेदारी दी। लेखक ने खुद उनके मार्गदर्शन में कक्षा 6 से लेकर इंटर तक की शिक्षा बघरा के के के इंटर कॉलिज से ली है। ऐसे बिरले शिक्षक बहुत ही कम होते है जो पूरा जीवन शिक्षा को समर्पित कर देते है। ऐसा ही नाम आदर्श शिक्षक गजेंद्र पाल का है। जो सेवानिवृत्त होने के बाद भी शिक्षा बांट रहे है। वर्तमान में वे हिंदी परिषद के जिलाध्यक्ष है और इस संस्था के माध्यम से देश की राष्टभाषा की सेवा कर रहे है।
रचनाएं-

कर्तव्य बोध की कहानियां-गुरु दक्षिणा, माँ

देश भक्ति- मानवता की लघु नाटिकाएं,मन की ज्योति,स्वदेशाभिमान, बलिदान

देशभक्ति कविता- हम मछुवारे, रहे न गीला कोई नयन

संस्मरण- स्काउट मित्र की धरोहर, वरदान को नमन

आलेख-हिंदी के ज्योति कलश-जस्टिस महावीर सिंह
व राषटीय संत स्वामी कल्याण देव जी महाराज

इसके अलावा स्वामी ओमानन्द बृह्मचारी द्वारा लिखित ‘तीन सदी के युग द्रष्टा-स्वामी कल्याण देव’ अभिनंदन ग्रंथ के संपादक मंडल में उन्होंने काम किया। शिक्षक हित में कई बड़ी लड़ाई लड़ी गई। जिसके फलस्वरूप 2 बार जेल भी जाना पड़ा। माध्यमिक शिक्षक संघ के आंदोलन में उन्होंने झुकने के बजाय जेल जाना बेहतर समझा था। इसके बाद स्काउट ने उन्हें ट्रेनिंग कमिश्नर के पद से नवाजा था। कई वर्ष तक इसी पद पर काम किया। बढ़ती उम्र उनके लिए कोई मायने नही रखती, समाजसेवा का जोश आज भी ऐसा ही है जैसा दशकों पहले हुआ करता था। वर्तमान में जाट जाग्रति वार्षिक पत्रिका के चीफ एडीटर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे है।

TRUE STORY

TRUE STORY is a Newspaper, Website and web news channal brings the Latest News & Breaking News Headlines from India & around the World. Read Latest News Today on Sports, Business, Health & Fitness, Bollywood & Entertainment, Blogs & Opinions from leading columnists...

Related Articles

Back to top button