खड़ी फसलों पर टूटा सरकारी कहर,फसलों के बर्बाद होने से आहत हुए ग्रामीण

माफियाओं को छोड़ गरीबो पर चला प्रशासन की कार्रवाई का चाबुक
(काज़ी अमजद अली)
मुज़फ्फरनगर : गंगा खादर क्षेत्र में वन विभाग द्वारा वन्य जीव विहार की भूमि को कब्ज़ा मुक्त कराने की कार्रवाई तहसील जानसठ की राजस्व टीम के संग जनपद के विभिन्न थानों की पुलिस फोर्स की मौजूदगी में शुक्रवार को शुरू की गयी। इस बीच गरीब ग्रामीणों ने अपनी फसलें तबाह हो जाने से अपने परिवार के बर्बाद होने की व्यथा सुनाते हुवे कार्रवाई को कानून के विरुद्ध बताया है।
दरअसल मामला मुज़फ्फरनगर ज़िले के मोरना ब्लाक क्षेत्र के गांव शुक्रताल गंगा खादर का है जहाँ हजारों बीघा वन भूमि पर कुछ भूमाफिया कुंडली जमाये हुए हैं तो कुछ गरीब परिवार उसी भूमि को ठेके पर लेकर अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं। शुक्रवार को गाँव शुक्रताल खादर के जंगल में हुई कार्रवाई के संबंध में वन क्षेत्राधिकारी सिंह राज सिंह पुंडीर ने बताया कि 16 हेक्टेयर अथवा 200 बीघा वन्यजीव बिहार भूमि को राजस्व विभाग द्वारा चिन्हांकन करने के बाद कबजा मुक्त कराने का कार्य शुरू किया गया है। वन भूमि को कब्जा मुक्त कराकर उस में वृक्षारोपण किया जाएगा। डी एफ ओ कन्हैया पटेल के निर्देशन में वन भूमि को कब्जा मुक्त कराने का कार्य जारी रहेगा। क्षेत्राधिकारी भोपा गिरजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर भारी पुलिस बल के संग राजस्व विभाग की उपस्थिति में वन विभाग की टीम का सहयोग सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराने में किया गया है । इस दौरान नायब तहसीलदार जानसठ जसमेन्द्र कुमार, कानूनगो ओम प्रकाश चौहान, लेखपाल पिंटू पंकज सहित कार्यवाहक थानाध्यक्ष भोपा सत्यनारायण दहिया थानाध्यक्ष ककरौली सुनील शर्मा सहित कई थानों की फोर्स मौजूद रही।
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तबाह होती फसलों को देखकर बेहोश होकर गिर पड़ी महिलाएं
शुक्रताल खादर में प्रशासन द्वारा वन विभाग की भूमि को कब्जा मुक्त कराने के दौरान गन्ना गेहूं सरसों व सब्जी की फसलों को खुर्द-बुर्द कर दिया गया खेत पर पहुंची महिला पूनम,धर्मसुधा निवासी बिहारगढ़ ने बताया कि उनके खेत गांव डूंगरपुर में है तथा उनकी जमीन लगान की है फिर क्यों उनकी फसलें उजाड़ दी गई वह खेती-बाड़ी कर गुजर-बसर करते हैं फसलें बर्बाद हो जाने से अब परिवार की गुजर-बसर कैसे होगी तथा जो कर्ज फसल के खाद आदि के लिया है। वह कैसे अदा होगा।वहीं अन्य ग्रामीण सुमन, ममता, संतोष, अंबाला,रिशिपाल, रेखा, गोपाल,सचिन, बबलू, सुभाष,गोपाल,सोनू,अजय, राजकुमार, अर्जुन व नीतू ने बताया कि उन्होंने भूमि को ठेके पर लिया हुआ है। फसलें बर्बाद हो जाने के बाद वह किस प्रकार परिवार का गुजर-बसर करेंगे। महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद उधार लेकर फसलों में खाद आदि लगाकर फसलें उगाई थी। बिना कोई नोटिस आदि देकर फसलों को उजाड़ दिया गया ग्रामीणों ने बताया कि गंगा खादर में बड़े बड़े भूमाफिया हजारों बीघा भूमि पर कब्जा किए हुए हैं।सरकार उन पर कार्रवाई क्यूँ नहीं करती केवल गरीबों की ही फसलों को बर्बाद किया जा रहा है। वहीं रोती बिलखती महिलाओं ने प्रशासन पर उन्हें उजाड़ देने का आरोप लगाया।
क्या है मामला–
गंगा नदी के तटों पर आबाद गाँव के ग्रामीणों की आजीविका भी नदियों पर ही निर्भर है. गंगा किनारे की जमीन को भूमाफियाओं द्वारा समतल कर पिछले तीस वर्षों से विभिन्न फसलें उगाई जा रही हैं। वहीं भू माफियाओं द्वारा इस भूमि को ठेके पर दिया जाता है। जिसमे अनेक मज़दूर परिवार कड़ी मेहनत कर फसल उगाते हैं। जानकारी के अनुसार कुछ छोटे किसान वन कर्मचारियों को एक हज़ार रुपये बीघा वार्षिक देकर सरकारी भूमि में फसल उगा लेते हैं। इस वर्ष कुछ व्यक्तियों ने केवल सिफारिश से काम चलाने का प्रयास किया तो उनपर कार्रवाई का कहर टूट पड़ा। जिसके परिणामस्वरूप फसलों को रौंदने का कार्य किया गया है ।