ताजमहल और उर्दू भाषा की तरह हमारी जमीन का उपहार हैं गालिब: तकी

–सीसीएसयू के उर्दू विभाग में हुई दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, मिर्जा गालिब रहें शीर्षक
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के उर्दू विभाग और आयुसा के संयुक्त तत्वावधान में चल रही दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी शीर्षक ‘गालिब फिक्र-ओ-फन के आईने में’ के दूसरे दिन प्रथम सत्र की अध्यक्षता उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. असलम जमषेदपुरी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला उपस्थित हुईं, जबकि विषिश्ट अतिथि गण के रूप में एएमयू से प्रो. सगीर अफराहीम, जामिया मिल्लिया इस्लामिया से प्रो. अहमद महफूज, एएमयू से डा. सरवर साजिद उपस्थित हुए।
मुख्य वक्ता के रूप में कनाड़ा से आए डॉ. तकी आबिदी उपस्थित हुए। स्वागत भाषण डॉ. शादाब अलीम, संचालन डॉ. आसिफ अली और आभार डॉ. इरशाद स्यानवी ने प्रकट किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ फारूक शेरवानी ने पवित्र कुरान की आयात से किया। सईद सहारनपुरी ने गालिब की गजल सुनाकर समा बांध दिया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. तकी आबिदी ने कहा कि गालिब पहले प्रगतिशील कवि हैं, जो हमारे ताजमहल और उर्दू भाषा की तरह हमारी जमीन का उपहार हैं। प्रो. सगीर अफराहीम ने कहा, गालिब हमारी साहित्यक, सांस्कृतिक और भाषाई सतह पर एक धरोहर है, उनकी स्मृति में होने वाला यह जश्न हमेशा हमें प्रेरणा देता है। डॉ. सरवर साजिद ने कहा कि गालिब ने अपनी शायरी में हर शब्द का इस तरह से इस्तेमाल किया है कि उनके अनोखे अंदाज पर मुहर लगा दी है। डॉ. आबिद हुसैन हैदरी ने कहा, गालिब आज भी सबसे लोकप्रिय शायर हैं। डॉ. जावेद अनवर ने कहा, गालिब पर यह दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर विकास शर्मा ने कहा, गालिब ने अपनी शायरी में इंसानियत की महानता को बेहद खूूबसूरत तरीके से पेश किया है। कार्यक्रम में डॉ. यूनुस गाजी, डॉ. असलम मुहम्मदपुरी, डॉ. इब्राहिम अफसर, डॉ. मुहम्मद खालिद चौधरी, जीशान खान, आफाक खान, सलीम सैफी, भारत भूषण शर्मा, अनिल शर्मा, सैयदा मरियम इलाही, ताहिरा परवीन, शबनम, शाहना, मोहम्मद इमरान, आफरीन, राबा आरिफ, फराह नाज आदि रहें।