मुजफ्फरनगर सीट: निर्णायक साबित होंगे शहर में रह रहे सिसौली के मूल निवासी 20 हज़ार वोटर

उपेंद्र चौधरी
मुजफ्फरनगर। विधानसभा चुनाव 2022 का आगाज होने वाला है और सत्ता पक्ष ,मुख्य विपक्षी गठबंधन सपा+रालोद एवं कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशियों के चयन में माथापच्ची कर रही है।लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तापक्ष और मुख्य विपक्षी गठबंधन के बीच होने की संभावना नजर आ रही है।उधर भारत की राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस मुकाबलों को तिकोना बनाने में पूरा जोर लगा रही है।
जहां तक बात मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट की है वहां जहां कांग्रेस पार्टी ब्राह्मण प्रत्याशी पर दांव आजमाने का सोच रही है ,वही सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी गठबंधन वैश्य प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने का मन बना चुके हैं ।कांग्रेस पार्टी की ओर से जिला अध्यक्ष सुबोध शर्मा एवं पंडित पवन गिरी दो नाम विशेष चर्चा में है ,वही सत्ता पक्ष की ओर से वर्तमान विधायक और राज्य सरकार में मंत्री कपिल देव ,राजीव गर्ग ,श्रीमोहन तायल, पूर्व विधायक अशोक कंसल के नाम प्रमुखता के साथ लिए जा रहे हैं ,वही विपक्षी गठबंधन को देखा जाए तो वहां मुख्य रूप से मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट रालोद होने के कारण मुख्य रूप से सिसौली निवासी कमल मित्तल का नाम मुजफ्फरनगर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। वैसे मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 70-80 वर्षों में सिसौली से आकर मुजफ्फरनगर रहने वाले निवासियों की संख्या काफी बड़ी तादाद में है। किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने एक बार मुजफ्फरनगर में सिसौली से लोगों का सर्वे करवाया था ,उसमें ज्ञात हुआ था कि लगभग 20 हज़ार मतदाता जो सिसौली के मूल निवासी हैं वे मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट में मतदाता हैं।
सिसौली निवासियों की बड़ी संख्या में मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट में उपस्थिति किसान चिंतक कमल मित्तल के लिए एक अच्छा चुनावी समीकरण का रास्ता दिखाई दे रही है, जिसके सहारे कमल मित्तल मुजफ्फरनगर सदर विधानसभा सीट जीतकर गठबंधन के खाते में पहुंचाने को आतुर दिखाई देते हैं।