गरीब के पेट पर भारी पड़ गयी आचार संहिता

पेट पर भारी शोहरत की भूख…………..????
खाद्य सामग्री पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो होने के कारण नही हुआ राशन का वितरण
(काज़ी अमजद अली)
मुज़फ्फरनगर : दूर दर्शिता के दावों की किस प्रकार हवा निकलती है,ये मंजर चुनाव के पूर्व की सामने आ गया है। गरीब परिवारों को मुफ्त राशन का वितरण करने में अपने फायदे को भी जोड़ना अन्त में कही भारी न पड़ जाये ? खाद्य सामग्री पर छपे फोटो ही मुश्किल का सबब न बन जाएं ?ऐसा दूर दर्शी सोच रखने वाले सलाहकार क्यूँ न समझ पाये। चुनाव आचार संहिता के कारण खाद्य सामग्री पर लगे फोटो की वजह से सरकारी सस्ते गल्ले के राशन का वितरण रुक गया है जिससे ग्रामीण डीलर की दुकान से खाली वापस लौटते नज़र आये ।आधी अधूरी जानकारी के कारण ग्रामीण शासन प्रशासन पर इसका दोष मढ़ रहे हैं।
सरकार द्वारा महीने में दो बार मुफ्त राशन का वितरण गरीब परिवारों को किया जा रहा है।एक यूनिट पर पाँच कि.ग्रा.गेंहूँ चावल का वितरण महीने में दो बार मुफ्त किया जा रहा है। पिछले माह दिसम्बर के पहले पखवाड़े में गेंहूँ चावल के साथ साथ प्रति राशन कार्ड एक किलोग्राम नमक व चना तथा एक लीटर खाद्य तेल का भी मुफ्त प्रदान किया गया था। नमक,चना व तेल के पैकेट पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो छपे होने के अलावा पैकेट के नीचे सोच ईमानदार काम दमदार का स्लोगन भी छपा हुआ है।चुनाव आयोग द्वारा राज्य में चुनाव की अपेक्षित घोषणा के बाद चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गयी है जिसके बाद राशन के पैकेट पर प्रधनमंत्री व मुख्यमंत्री के फोटो होने के कारण उनका वितरण कानून के विरुद्ध होने के कारण इस माह सरकारी सस्ते गल्ले के राशन का वितरण भी रुक गया है। ग्रामीण राशन डीलर की दुकान से खाली वापस लौट रहे हैं।राज्य में चुनाव की तैयारियों में जुटे प्रशासन को क्या ये भी जानकारी नही थी कि इन पैकेट का वितरण चुनाव आचार संहिता के कारण एक माह बाद बन्द होना है। चुनाव में जुटे शासन– प्रशासन की इतनी बड़ी चूक उसकी दूर दर्शिता की कमी को उजागर करता है। बिना फोटो वाले पैकेट की व्यवस्था होने तक लाभार्थियों के सन्तोष ओर धैर्य की परीक्षा तो होगी ही साथ ही छपे हुवे पैकेट से थिनर जैसे किसी ज्वलनशील पदार्थ से फोटो हटाने की प्रकिर्या भी आसान नही है। बिना फोटो वाले पैकेट का वितरण देर सवेर भले हो जाये किन्तु शासन प्रशासन की दूर दर्शिता पर सवाल खड़ा हो गया है ।