BKU नेता धर्मेंद्र मलिक ने दिया कृषक समृद्धि आयोग से इस्तीफा

मुजफ्फरनगर। भाकियू नेता धर्मेन्द्र मलिक ने कृषक समृद्धि आयोग के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि किसान कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच यह सदस्यता BKU के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुरुवार की सवेरे धर्मेन्द्र मलिक ने पत्र लिखकर इस्तीफे की जानकारी दे दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 10 नवंबर 2017 को गठित कृषक समृद्धि आयोग से किसान प्रतिनिधि के तौर पर नामित सदस्य पद से अपना त्यागपत्र देता है। आयोग के गठन के लिए मुख्यमंत्री जी का आभार, लेकिन आयोग अपना उद्देश्य पूरा नही पाया।@myogiadityanath @myogioffice @UPGovt @bstvlive pic.twitter.com/1jHiBjy34d
— Dharmendra Malik (@Dmalikbku) February 25, 2021
इस्तीफे के लिए लिखे पत्र में कहा गया कि आयोग के सदस्य पद से इस्तीफा भेज रहा हूँ कि आपके द्वारा किसान हितों के लिए 10 नवम्बर 2017 को आपकी अध्यक्षता में कृषक समृद्धि आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग का उद्देश्य किसानों की समस्याओं की जानकारी कर समाधान करना था। आयोग में गैर सरकारी सदस्य एवं किसान संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर मुझे भी नामित किया गया था। इनका कहना था की बडे़ दुःख का विषय है कि लगभग साढे तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आयोग की एक भी बैठक का आयोजन नहीं किया गया है। आज देशभर में हाल में ही लाये गये तीन कृषि कानूनों को लेकर भारत सरकार और किसानों के बीच गतिरोध चल रहा है। पिछले तीन माह से किसानों ने भारी सर्दी में अपना समय सड़कों पर बिता दिया, लेकिन भारत सरकार आज तक कोई समाधान नहीं निकाल पायी।
ऐसे गम्भीर विषय पर भी कृषक समृद्धि आयोग की तरफ से भारत सरकार को कोई सुझाव नहीं भेजे गये और न ही हम इस विषय पर उत्तर प्रदेश के किसानों की राय संवाद के माध्यम से नहीं जान पाए। आयोग का गठन जिस उद्देश्य को लेकर किया गया था, आयोग वह उद्देश्य पूरे नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी भारत सरकार को तीन कृषि कानूनों पर किसानों की चिंताओं से अवगत कराये। ताकि किसान का अहित न हो सके।




