यूक्रेन से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स से केंद्रीय मन्त्री संजीव बालियान ने किया हर संभव मदद का वादा

यूक्रेन से मुज़फ्फरनगर लौटे छात्र-छात्राओं एवं उनके परिजनों ने शनिवार को केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान से मुलाकात करके मांग उठाई है कि उनकी शिक्षा स्वदेश में ही पूरी की जाए क्योंकि अब यूक्रेन में मची तबाही के बाद वहां शिक्षा पूरी करने का कोई औचित्य नहीं रह गया है। वहा अब शिक्षा सम्भव नहीं रहीं.
इस बात पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करेंगे और मेडिकल छात्र छात्राओं की हर संभव मदद की जाएगी।
आज मुजफ्फरनगर स्थित आवास पर यूक्रेन से वापस लौटे मेडिकल छात्रों से मुलाकात कर उनका कुशल क्षेम जाना।सभी छात्रों ने मा० @narendramodi जी को रूस-यूक्रेन युद्ध के विपदा की घड़ी में भारतीय छात्रों को सकुशल वापसी लाने में किये गए सराहनीय प्रयासों के लिए हृदय से धन्यवाद दिया। pic.twitter.com/qRsN6h5UES
— Dr. Sanjeev Balyan (@drsanjeevbalyan) April 2, 2022
बता दे की यूक्रेन पर हुए रूस के हमले की वजह से जनपद के भी कई दर्जन छात्र-छात्राएं स्वदेश वापस लौट आए थे। इसके बाद से ही इन बच्चों को अपने भविष्य की चिंता हो रही है, छात्र छात्राओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने परिजनों के साथ केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। इनका कहना था कि यूक्रेन में मची तबाही के बाद उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है, आखिर उनका क्या होगा। अधिकतर बच्चे मध्यम वर्गीय परिवारों से हैं, और उनकी पढ़ाई का संकट खड़ा हुआ है।ऐसे हालात में केंद्रीय मंत्री ने उन्हें सहारा देते हुए कहा कि किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है, वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करके इस समस्या का हल निकालेंगे और बच्चों की शिक्षा भारत में ही पूरी कराने के प्रयास किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री @drsanjeevbalyan से मिलकर बयां किया दर्द, #Ukraine️ से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स व परिजनो ने भारत मे ही पढ़ाई पूरी करने की मांग उठाई. मंत्री ने @PMOIndia से बात करने व हरसंभव मदद का किया वादा.@narendramodi@IndiainUkraine#UkraineRussia pic.twitter.com/XF6MEGVmWT
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) April 2, 2022
यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन भी छात्र-छात्राओं द्वारा केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान को सौंपा गया जिसमें उनकी छुटी हुई शिक्षा भारत में ही पूरी किए जाने की मांग उठाई गई थी. कहा गया है कि सरकार अपने खर्च पर यदि शिक्षा पूरी करा देगी तो यह बेहतर रहेगा,क्योंकि अचानक यूक्रेन छोड़ने के बाद उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गई है। क्योंकि अधिकतर स्टूडेंट्स फीस की धनराशि पहले ही अपने विश्वविद्यालय में जमा कर चुके हैं। ज्ञापन देने वालों में छात्र अब्दुस समद, तहसीन अली, डॉ. इकबाल, डॉ. वस्लुद्दीन, मुहम्मद एहसान, डॉ. शमशाद आदि शामिल हैं।