परिवहन विभाग में पंजीकरण के बिना ही दौड़ रहे कूड़ा वाहन

1- स्वच्छ भारत मिशन मे ख़र्च की गई करोड़ों की धनराशि के बाद भी उसके अन्तर्गत कूड़ा उठाने के लिए खरीदी गई गाड़ी को लेकर हुआ बड़ा खुलासा। परिवहन विभाग में नहीं है गाड़ी का रजिस्ट्रेशन।परिवहन विभाग बना अन्जान।
2- नगर पंचायत जलालाबाद बोर्ड सदस्य ने ही कूड़ा गाड़ी से शव लेजाने का फोटो सोशल मीडिया किया था वायरल। कूड़ा गाड़ी में शव ले जाने पर खूब हुई थी फजीहत।
3- जिला प्रशासन की जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्यवाही का इंतजार।
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शामली-जलालाबाद.पिछले वर्ष करोना महामारी मे नगर पंचायत की कूड़ा गाड़ी द्वारा एक शव को कूड़ा गाड़ी से शमशान ले जाने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिससे मामला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया था, नगर पंचायत जलालाबाद की इस कारगुजारी के चलते देश-विदेश मे प्रदेश की भाजपा सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।इन कूड़ा गाड़ियों को लेकर अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि जलालाबाद नगर पंचायत की ये कूडा गाडियां सालो से परिवहन विभाग में बिना रजिस्ट्रेशन के ही सडको पर दौड रही है।जिससे जनपद शामली का परिवहन विभाग बिल्कुल अनजान बना हुआ है।
नगर पंचायत जलालाबाद ने स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत नगर को साफ रखने के लिए दो कूडा गाडिया टाटा मैजिक खरीदी थी।पिछले वर्ष करोना काल के दौरान नगर के एक चिकित्सक के परिजन की मौत के बाद उसका शव नगर पंचायत की कूड़ा गाड़ी से शमशान घाट ले जाने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर चर्चा मे आई थी कि किस प्रकार से संकट काल मे मानवीय संवेदनाऐ तार तार हुई है।हालाकि अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बनने के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने जिला प्रशासन से इस मामले मे जांच कराई थीं जिसकी जांच तत्कालीन उप जिलाधिकारी शामली ने की थी और अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी शामली को सौंप दी थी जिलाधिकारी शामली द्वारा नगर पंचायत अधिकारी को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिर्पोट भेज दी थी लेकिन बाद में दोषियो पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।सब फाइलों में दबकर रह गया ।इस मामले से चर्चा मे आई कूडा गाडी के बारे मे अब एक और बडा खुलासा हुआ है कि दोनो टाटा मैजिक गाडियो मे से किसी भी गाडी का रजिस्ट्रेशन नगर पंचायत जलालाबाद द्वारा परिवहन कार्यालय मे नही कराया गया है बिना रजिस्ट्रेशन के ही यह दोनों गाडिया नगर सहित जनपद की सडको पर धडल्ले से दौड रही है।इन गाडियो को चला रहे चालक कितने बड़ा जोखिम उठा रहे है, इसका अंदाजा उन्हे भी नही है यदि बिना नंबर की इन गाड़ियों से कोई दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। इसका जवाब किसी के पास नही है।नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी विजय आनन्द से इस सम्बन्ध मे जानकारी करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नही हुआ। नगर पंचायत कार्यालय में कार्यरत मुकेश सैनी से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि इन गाड़ियों से संबंधित फाइल मेरे पास नहीं है, फाइल देखकर ही इसके बारे में कुछ बता सकता हूं।
इस सम्बन्ध मे जब एआरटीओ शामली मुंशीराम से पूछा गया तो उनका कहना था कि इस तरह से बिना रजिस्ट्रेशन गाडी चलाना दण्डनीय अपराध है, मामला संज्ञान मे आने पर नियमानुसार नोटिस जारी किया जायेगा व गाडी बिना रजिस्ट्रेशन सडक पर चलती पाई जाती है तो उसको सीज भी किया जायेगा।