ग्रामीण की हत्या के बाद परिजनो ने शव को मुख्य मार्ग पर रखकर लगाया जाम

अनिल शर्मा
मेरठ के मवाना कोतवाली इलाके के भीतर एक सप्ताह पहले गांव मीवा में हुई पथराव की घटना के मामले में घायल जसवंत की शुक्रवार को उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने शुक्रंवार को शव सडक पर रखकर जांम लगा दिया ओर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मौके पर भाजपा नेता ने मामला शांत कर दिया, लेकिन ग्राीमणों ने दौबारा मिल रोड पर जाम लगाया। मौके पर पहुंचे एसडीएम सीओ ने भीड को शांत कर कार्रवई का आश्वासन देते हुए जाम खुलवाया।
मीवा गांव में 15 अप्रेल की रात मिस्टू पक्ष व जसवंत पक्ष के बीच शराब पीने के बाद विवाद हो गया था। विवाद के दौरान हुई मारपीट के बाद देखते ही देखते दोनों पक्षों की ओर से एकत्र हुए सैकडों से अधिक लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया था। करीब एक घंटा हुए पथराव के दौरान दोनों पक्षों के आठ लोग घायल हो गये थे। पथराव के दौरान महिलाओं से भी मारपीट की गई थी। वहीं पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जसंवत पक्ष के दो लोगों दीपक व देविन्द्र को जेल भेज दिया था। उधर पथराव में घायल हुए जसवंत का मेरठ अस्पताल में उपचार चल रहा था। जिसकी उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मौके पर गुस्साए परिजनों ने मवाना पुलिस चौकी के पास शव रखकर जाम लगाया। मौके पर पहुंचे भाजपा नेता ने कार्रवई का आश्वासन देकर मामला शांत कर दिया, लेकिन मामला यहीं पर शांत नहीं हुआ दौबारा मिल रोड पर जाम लगा दिया गया ओर मौके पर अफसरों के बुलाने की मांग की। हंगामे की सूचना पर पहुंचे एसडीएम अमित गुप्ता ओर सीओ उदय प्रताप सिंह ने मृतक के परिजनों से वार्ता की ओर मामले में मुकदमा हत्या में बदलने के साथ 24 घण्टे में आरोपियों की गिरफ्तारी करने आश्वासन दिया गया। उसके बाद ग्रामीण शव लेकर गांव पहुंचे ओर पुलिस सुरक्षा के बीच देर शाम जसवंत का अंमित संस्कार कर दिया गया।