उम्र भर चले लेकिन अढाई कोस…
नियमित स्टेण्ड के अभाव में दिनभर सड़कों पर भटकती हैं बसें

बस स्टेण्ड न होने के कारण सड़क किनारे अतिक्रमण को बढ़ावा दे रही बसें..
(काज़ी अमजद अली)
मुज़फ्फरनगर : प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 24 घंटे के भीतर बस व टैक्सी के अवैध अड्डे हटाने के आदेश जारी हुए हैं । दूसरी ओर बस स्टैंड न होने के अभाव में प्राइवेट व रोडवेज बसें सड़क किनारे इधर-उधर भटक रही हैं। स्थाई बस स्टैंड न होने के कारण अवैध रूप बस स्टेण्ड का संचालन ग्रामीण क्षेत्र में किया जा रहा है तथा यात्रियों भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुज़फ्फरनगर ज़िला मुख्यालय सहित अन्य स्थानों पर जाने के लिये प्रतिदिन हजारों व्यक्ति यात्रा के लिये घर से निकलते हैं यात्रा सकुशल सम्पन्न हो तथा सुगम हो ऐसी प्रत्येक की इच्छा रहती है। किन्तु गाँव से ज़िला मुख्यालय तक कि यात्रा कितनी सुगम और सुरक्षित है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी आज तक व्यवस्थाओं में उचित सुधार नही हो सका है। ज़िले के मोरना- भोपा-भोकरहेड़ी – शुक्रताल-ककरौली. जौली-जौली बेहड़ा सादत में बस स्टेण्ड न होने के कारण यात्रियों की प्रतीक्षा में बसें सड़कों पर इधर उधर भटक रही हैं।बस स्टेण्ड न होने के कारण बसें अतिक्रमण को बढ़ावा दे रही हैं।भोपा व मोरना में अनेक स्थानों पर स्टॉपेज बनाकर जाम का कारण बनी बसें अन्य वाहनों के लिये भी दिक्कत पैदा कर रही।बस स्टेण्ड न होने के कारण यात्रियों को सड़क किनारे धूंप में खड़े होना पड़ता है।नियत स्थानो पर प्रतीक्षालय व शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आज भी पुराने ढर्रे पर चल रही व्यवस्था में यात्रियों के लिये न तो कोई सुविधा है और न कोई आदर्श व्यवस्था है। शैड , हैंडपंप व बैठने का कोई इंतज़ाम न होने के कारण तपती धूंप में प्यासे यात्री बेहाल हैं। महिलाओं व बच्चों के लिये विशेष कोई व्यवस्था तो दूर असुरक्षित व गन्दगी वाले स्थानो पर खड़ी बसें नागरिकों के प्रति शासन प्रशासन की मानसिकता को उजागर करती हैं।तमाम व्यवस्थाओं को चुस्त–दुरुस्त व उच्च स्तरीय बनाने के दावे करने वाला शासन -प्रशासन इस ओर बिलकुल भी ध्यान नही दे रहा है।जिस कारण यात्री आज भी आदर्श सुविधाओं की बाँट जोह रहे हैं।सड़क किनारे अवैध रूप से संचालित बस स्टेण्ड के स्थान पर नियमित बस स्टेण्ड की व्यवस्था कर अतिक्रमण से मुक्ति पाने के अलावा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिये गम्भीर प्रयास की आवश्यकता है। साथ ही व्यस्त मार्गों पर अनावश्यक स्टॉपेज बनाकर जाम की समस्या उतपन्न करने व सड़को के किनारे घण्टो बस व टेक्सी टेम्पो खड़े कर अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की ज़रूरत है।