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ट्रेन के टॉयलेट में छुपाकर गांजे की तस्करी का खुलासा

मुजफ्फरनगर जीआरपी की जांच में हुआ खुलासा, अब तक 25 किलो गांजा हुआ बरामद
मुजफ्फरनगर
। उड़ीसा से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के टायलेट में छिपाकर गांजे की तस्करी का खेल चल रहा था। छः माह पहले एक तस्कर असलम निवासी प. चंपारण बिहार को गांजे की भारी मात्रा के साथ रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। एक पखवाड़ा पूर्व रेलवे स्टेशन से एक अन्य तस्कर निराला उर्फ सुनील को भी गांजे के साथ गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद ळत्च् की जांच में सामने आया कि नशीला पदार्थ उड़ीसा से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के टायलेट में छिपाकर लाया जाता था। जिसे गैंग के सदस्य मुजफ्फरनगर में उताकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सप्लाई कर देते थे। 6 माह पहले गिरफ्तार किया गया तस्कर भी उसी गैंग का सदस्य है। अब जीआरपी इनके दूसरे ठिकानों को खंगाल रही है। 18 मई को जीआरपी थाना के सब इंस्पेक्टर महेन्द्र पाल सिंह ने रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर एक से निराला उर्फ सुनील कुमार पुत्र नारायण चैरसिया निवासी आगरा को करीब 16.5 किलो गांजे के साथ दबोच लिया था। जीआरपी ने आरोपित का चालान कर उसे जेल भेज दिया था। जिसके बाद विवेचना में सामने आया कि बरामद किया गया गांजा उड़ीसा से तस्करी कर लाया जा रहा था। दबोचे गए निराला के गैंग के साथी उड़ीसा से गांजे की खेप को उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के टायलेट में प्लाई के पेंच खोलकर सामान के साथ रख देते थे। जिसे मुजफ्फरनगर में प्लाई के पेंच खोलकर निकाल लिया जाता था। विवेचना में यह भी सामने आया कि रेलवे स्टेशन से दिसंबर 2021 को लाखों रुपये के गांजे संग दबोचा गया असलम पुत्र सज्जाद निवासी मुजफ्फरपुर बिहार भी उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन तस्करी से जुड़ा था। वह भी उत्कल से गांजे की खेप उतारकर ले जाते पकड़ा गया था। लेकिन तब ट्रेन से नशीले पदार्थ की तस्करी का यह मामला खुल नहीं पाया था। उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन से गांजे की तस्करी में लिप्त तथा अलग-अलग दिन दबोचे गए दोनों तस्करों की जमानत विशेष एनडीपीएस एक्ट कोर्ट से खारिज हो चुकी है। दोनों तस्कर फिलहाल जिला जेल में हैं। जीआरपी मामले की विवेचना कर रही है। गोपनीय जांच के माध्यम से तस्करी के सरगना तथा उनके ठिकानों की तलाश की जा रही है। अब तक कुल 25 किलो गांजा बरामडी किया जा चुका है।
वेस्ट यूपी में फैलाई जा रही नशा तस्करी की जड़
पंजाब के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश भी नशा तस्करों का हब बनता जा रहा है। गत कुछ वर्षों के दौरान की गई पुलिस व जीआरपी की कार्रवाई के बाद कई बड़े नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जिनसे पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि देश के अन्य भागों से तस्करी कर लाए जा रहे नशीले पदार्थों को मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में खपाया जा रहा है। जीआरपी ने 6 माह के भीतर रेलवे स्टेशन से कई बड़े नशे के सौदागरों को भारी मात्रा में गांजा तथा अन्य नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया। लेकिन इनमें दो आरोपियों का आपसी कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया भी अलर्ट हो गया था। जीआरपी ने विवेचना करते हुए सभी तथ्यों की पड़ताल की तो गांजे की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया।
एटीएस गुजरात ने बरामद की थी 755 करोड़ की हेरोइन
एक माह पहले एटीएस गुजरात व एनसीबी दिल्ली ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली क्षेत्र के खालापार से करीब 755 करोड़ रुपये कीमत की हेरोइन बरामद की थी। यह बरामदगी दिल्ली जामियानगर ओखला विहार निवासी रजी हैदर उर्फ चुन्नी पुत्र अमानत अली की निशानदेही पर की गई थी। दरअसल रजी हैदर मुजफ्फरनगर का मूल निवासी है और काफी वर्ष पूर्व परिवार सहित दिल्ली जाकर बस गया था। एटीएस गुजरात ने खुलासा किया था कि भारतीय कोस्ट गार्ड ने समुद्री सीमा से एक पाकिस्तानी नाव को कब्जे में लिया था। जिसमें कई पाकिस्तानी सवार थे। उनके कब्जे से भारी मात्रा में हेरोइन बरामद की गई थी। जांच को आगे बढ़ाया गया तो रजी हैदर तक पहुंचे।

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