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भोले के प्रति दिख रहा श्रद्धा का भाव, भक्ति के मेले में दिख रही नई-नई कांवड़


लाखो कांवड़ियों का हुजूम मुजफ्फरनगर पहुंच रहा है। हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष लग रहे हैं। सड़क पर चलते-चलते कांवड़ियों के पैरों में छाले निकल आए हैं। फिर भी, चेहरे पर कोई शिकन नहीं है। बेचैनी बस गंगाजी को अपने शिवालय तक ले जाने की है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर पहुुंच रहे कांवड़िये मुजफ्फरनगर के शिव चौक पर पहुंचकर शिवमूर्ति की परिक्रमा करते हैं। शिवचैक पर बम भोले की डीजे बजवा दिए योगी ने गाना गूंज रहा है। कांवड़ शिविरों में शिवभक्त नृत्य कर रहे हैं।

शिव चौक पर कांवड़ के विभिन्न रंग देखे, जिन्हें प्रस्तुत किया जा रहा है।
दिल्ली में वजीराबाद के 20 कांवड़िए मुजफ्फरनगर पहुंचे, जिनकी कांवड़ पर पीएम नरेंद्र मोदी और वढ सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लगी हुई है। कांवडियों में शामिल मोहित कहते हैं, योगी ने हमारी कांवड़ यात्रा को भव्य बनाया, डीजे बजवाया। इसलिए हम उनकी तस्वीर कांवड़ पर लगाकर ला रहे हैं। मुजफ्फरनगर के दतियाना गांव के मोंटी ने बताया कि उसकी शादी छः साल पहले रितु से हुई थी, लेकिन शादी के पांच साल तक बच्चा नहीं हुआ। भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगी कि परिवार में बच्चा होने पर हरिद्वार से कावड़ लाकर बागपत के पुरा महादेव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। एक साल पहले बच्ची ने जन्म लिया। आज कावड़ यात्रा में एक साल की बुलबुल अपनी मां की गोद में है। इस कावड़ यात्रा में मोंटी की पत्नी रितु एक साल की बेटी बुलबुल, मोंटी की बहन मोनिका, भाई विकास, रोबिन और विशाल भी साथ हैं। एक झांकी दिल्ली के शिव भक्तों की थी। कांवड़ को 16 फुट ऊंचाई तक सजाया गया था। कांवड़ में सबसे आगे नंदी महाराज की मूर्ति लगाई गई है। एक तरफ गणेश विराजमान हैं, तो दूसरी तरफ शिव और पार्वती की मूर्ति है। बीच में बड़े आकार में भोलेनाथ की मूर्ति है।

कांवड़िए नृत्य करते हुए हरिद्वार से कांवड़ लाकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। आठ साल का अंश अपने एक साल बड़े भाई भोलू के साथ हरिद्वार से कांवड़ ला रहा है। शामली के झिंझाना में अंश रहते हैं। दोनों छोटे बच्चों के कंधों पर रंग बिरंगी सजी हुई कांवड़ है। पिता रामफल पीछे-पीछे चल रहे हैं। रामफल ने बताया कि शादी के कई साल बाद तक पत्नी को बच्चा नहीं हुआ तो मन्नत मांगी। भोले बाबा ने मन्नत भी पूरी की। कांवड़ यात्रा में हर बार कुछ अलग रंग होते हैं। इस बार तिरंगा कांवड़ आकर्षक बनी हुई है। कांवड़ यात्रा में कोई नंगे पैर है तो किसी के पैर में पट्टी बंधी हुई है। छाले पड़ चुके हैं, लेकिन, कांवड़ियों के कदम नहीं रुक रहे हैं। दूर-दूर तक सजी हुई कांवड़ रंग बिरंगी रोशनी में यात्रा को और भी आकर्षक बना रही हैं। राम मंदिर की झांकी की कावड़ भी नजर आई। गाजियाबाद के सिहानी गेट के शिव भक्त हरिद्वार से ये कावड़ लेकर गाजियाबाद की ओर जा रहे हैं। इस जत्थे में 25 शिव भक्त शामिल हैं। जिसमें झांकी के आगे शिव भक्त पैदल चलते हैं, और झांकी के पीछे ट्रैक्टर ट्रॉली पर डीजे लगाया गया है। शिव भक्तों ने बताया कि इसमें करीब आठ लाख का खर्च आया है।
दिल्ली में उत्तमनगर के अनुभव कांवड़ के रूप में भोलेनाथ की बड़ी मूर्ति सिर पर रखकर ला रहे हैं। वह बताते हैं कि ये मेरी दसवीं कांवड़ है। हर बार मैं सामान्य कांवड़ लेकर आता था। इस बार सोचा कि कुछ नई तरह की कांवड़ लेकर आऊं। दिल्ली के ही राकेश जो कांवड़ ला रहे हैं, उसके एक पलड़े में भोलेनाथ की मूर्ति है। तो दूसरे में विशाल शिवलिंग रखे हुए हैं। दिल्ली से सटे गुरुग्राम बॉर्डर के युवाओं का एक समूह मोर पंखों से बनी कांवड़ लेकर मंजिल की तरफ बढ़ रहा है।