अजादारों ने किया खूनी मातम, मोरना: भोपा: ककरौली क्षेत्र में भारी पुलिस सुरक्षा के बीच निकले अलम

काज़ी अमजद अली
मुज़फ्फरनगर के मोरना, भोपा व ककरौली इलाके में मोहर्रम माह की दसवीं तारीख़ को यौमे आशूरा के मौके पर शिया समाज द्वारा हज़रत इमाम हुसैन व उनके जां निसारों की याद में जंजीरों का खूनी मातम किया गया।अलम उठाए गए ज़ुल्जनाह बरामद किया गया व ताजियों को दफनाया गया।
मुज़फ्फरनगर के मोरना,बेलड़ा,रहकड़ा,जौली,यूसुफपुर, तिस्सा,गादला,बेहड़ा सादात,ककरौली व टधेड़ा आदि में भारी पुलिस सुरक्षा के बीच ताजियों का जुलूस मुख्य मार्गो से निकाला गया । मोरना में हुसैनी जुलूस बड़े इमामबाड़ा से शुरू होकर इमामबाड़ा अकबर अली से बरामद किया गया। जहां एक मजलिस का आयोजन हुआ ।
इस दौरान मौलाना किरताश करबलाई ने अपने सम्बोधन में करबला के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए हज़रत इमाम हुसैन व उनके साथियों की कुर्बानी को याद किया तथा सत्य मार्ग पर उनके बलिदान से प्रेरणा लेने पर बल दिया। जुलूस मोरना के मुख्य मार्गो से गुज़रा जहाँ अजादारों ने या हुसैन या हुसैन की सदाओं के साथ ज़ंजीरों का खूनी मातम किया। ,जुलजुनाह को बरामद किया गया व अलम उठाए गए। ताजियों का जुलूस बाजार से होता हुआ जानसठ मार्ग पर पहुंचा तथा करबला पर जुलूस का समापन किया गया जहाँ ताजियों को दफनाया गया।इस दौरान शिरकत करने वालों में अफरोज जैदी,मनव्वर जैदी, मोहसिन अब्बास ,रफत अली, तनवीर अली, मंजर अब्बास ,हुसैन अली ,रेशु जैदी ,हसन रजा ,खुर्रम अली ,कमर आजम ,आरजु, मुन्नन ,जलाल हैदर, साबिर अली, शबाब हैदर ,अली मेहंदी, मौ.जहीर शमा हैदर ,शददन जैदी, गौहर अब्बास, शहज़ाद प्रधान,सर्वेन्द्र राठी प्रधान आदि रहे । वहीँ सुरक्षा को लेकर क्षेत्राधिकारी गिरजा शँकर त्रिपाठी, थाना प्रभारी निरीक्षक बिजेन्द्र सिंह रावत,प्रभारी निरीक्षक अपराध रामबीर सिंह,उपनिरीक्षक विकास कुमार भारी पुलिस बल के साथ तैनात रहे। वहीं ककरौली क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर थानाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
बेलड़ा के इमामबाड़ा शब्बीर हुसैन में हुई मजलिस
वहीँ गाँव बेलड़ा मे इमामबाड़ा शब्बीर हुसैन में एक मजलिस हुई जिसे मौलाना आलम साहब ने खिताब फरमाया बाद में जुलूस ,ताजिया व ज़ुल्जनाह बरामद हुआ इसके बाद जुलूस नजर चौक पर पहुंचा वहां वरिष्ठ अधिवक्ता नासिर अली अलहाज ने अपनी तकरीर में कहा कि इमाम हुसैन ने फरमाया था कि इंसानियत को बचाना सबसे बड़ा धर्म है ।इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए अपने परिवार को खुदा की राह में कुर्बान कर दिया ।और फिर अपना सर कटा कर इंसानियत को बचा लिया
इस मौके पर प्रसिद्ध समाज सेवी डॉ. हाशिम रजा जैदी, फिरोज एडवोकेट, इसरार हुसैन,गौहर जैदी ,अफरोज,शाहिद आलम जैदी आदि मौजूद रहे। जुलूस के दौरान सीकरी चौकी प्रभारी रेशमपाल सुरक्षा में तैनात रहे।