शुकतीर्थ में भागवत कथा श्रवण करने का बड़ा महत्व : भक्ति

काज़ी अमजद अली
मोरनाः तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित पांडव कालीन माता पार्वती मंदिर में मां बगला मुखी पीतांबरा जयंती महोत्सव में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन स्वामी उमेशांनद तीर्थ महाराज की अध्यक्षता एवं ज्योतिषविद डा. अयोध्या प्रसाद मिश्र महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। दूसरे दिन शनिवार को चित्रकूट से आई भागवत कथा व्यास कुमारी भक्ति ने कहा कि शुकतीर्थ नगरी में चक्रवती सम्राट राजा परीक्षित को भगवान वेद व्यास के पुत्र परमहंस चूड़ामणि श्रीशुकदेव मुनी ने श्रीमद भागवत का ज्ञानोपदेश देकर मोक्ष प्रदान किया था। नगरी में भागवत कथा श्रवण करने का बहुत बड़ा महत्व है। मानव के जीवन में सत्संग का बहुत बड़ा महत्व है। सत्संग मानव जीवन की दिशा बदल देता है। जीव का स्वभाव गलती करना और भगवान क्षमाशील है। भगवान हमेशा मानव की गलतियों को माफ करते हैं। मानव को हर शब्द रूप में भगवान का दर्शन करना चाहिए। भगवान सब में विराजमान है। भगवान कण कण में विराजमान है और भक्ति के बल के पर उनके दर्शन किए जा सकते है। कथा में मुख्य यजमान मोदीनगर के रामबीर, रुकमणी, कमलेश मिश्रा, कुसुम, मुक्ता द्विवेदी, पूजा, देव, मुनेश, चंद्रकांता आदि मुख्य भूमिका निभा रहे है।