धर्म

BJP की हार के बाद अयोध्या से मुंह मोड़ने लगे पर्यटक? स्पाइस जेट ने रोकी फ्लाइट सेवाएं 

फैजाबाद के अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव राम की नगरी अयोध्या पर पड़ा है, जहां पर्यटकों की संख्या यकायक कम हो गई है। यहां तक कि एक एयरलाइन ने अयोध्या के लिए अपनी अधिकांश उड़ानें बंद करने की घोषणा कर दी है।

नरविजय यादव

UP के अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी की अप्रत्याशित हार के दुष्प्रभाव तो होने ही थे। राम की नगरी में जनवरी से ही पर्यटकों की जो आंधी चली थी, वो चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद थम सी गई है। भाजपा की हार से दुखी लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा और बायकॉट अयोध्या का अभियान चल पड़ा। नतीजा यह निकला कि अयोध्या में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की दिलचस्पी कम होती गई। स्पाइसजेट एयरलाइन ने दो माह पहले शुरू हुई अपनी हैदराबाद-अयोध्या की सीधी उड़ान खत्म करने की घोषणा कर दी। फरवरी में इस एयरलाइन की चेन्नई, बंगलौर, जयपुर, पटना, दरभंगा और हैदराबाद से अयोध्या के लिए सीधी उड़ानें थीं। इसकी डायरेक्ट फ्लाइट अब सिर्फ दिल्ली और अहमदाबाद से मिल सकती है। अन्य शहरों के यात्री स्पाइसजेट की डायरेक्ट फ्लाइट का आनंद नहीं ले सकते। उन्हें अब छह-सात घंटे के स्टॉप-ओवर के बाद ही अयोध्या की फ्लाइट मिल पाएगी। ऊपर से अब एक इस्लामी आतंकवादी संगठन ने मंदिर पर हमले की धमकी दे डाली है। अयोध्या की फ्लाइट्स में हनुमान चालीसा और जयश्री राम का उद्घोष करते श्रृद्धालु अब कम होते जा रहे हैं।

2021 के बाद भारत में धार्मिक पर्यटन 16 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ने लगा। जनवरी 2024 में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या पहुंचने वालों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई। राम मंदिर में 5 करोड़ तक दर्शनार्थी हर साल अपनी ओर खींचने का आकर्षण है। यह संख्या आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर से दोगुना है, जहां ढाई करोड़ दर्शनार्थी हर साल पहुंचते हैं और जहां 1200 करोड़ रुपए का सर्वाधिक चढ़ावा हर साल आता है। राम मंदिर में प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख तीर्थयात्री पहुंचने लगे थे। इसके परिणामस्वरूप होटल और यात्रा व्यवसाय में 25 हजार नए रोजगार पैदा होने की संभावना थी। करीब 1450 करोड़ रुपए लागत से तैयार अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को किया था। इसे सालाना 10 लाख यात्रियों के हिसाब से डिजायन किया गया है। साल की शुरुआत में लोगों में इस कदर उत्साह था कि अयोध्या के हवाई टिकटों की बुकिंग 150 प्रतिशत बढ़ गई और इस डेस्टिनेशन की फ्लाइट सर्च में भी 70 प्रतिशत का उछाल देखा गया।

ओयो रूम्स #Oyorooms के संस्थापक रितेश अग्रवाल का दावा है कि होटल रूम्स की सबसे ज्यादा बुकिंग मंदिरों वाले शहरों के लिए हो रही है। पिछले दो वर्षों में यह ट्रेंड बढ़ा है। पुरी, वाराणसी और उज्जैन जैसे धार्मिक ठिकानों के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत का उछाल आया है। इन शहरों के लिए हवाई किराए में भी पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। अन्य धार्मिक शहरों में अमृतसर, कटरा, पुरी, शिरडी, हरिद्वार, ऋषिकेश और तिरुपति के नाम उल्लेखनीय हैं। अयोध्या जाने वालों की संख्या यकायक बढ़ने लगी और वहां होटल रूम तलाशने वालों की संख्या में 80 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। पिछले दिनों अयोध्या में ओयो एप प्रयोग करने वालों की संख्या में 70 प्रतिशत उछाल आया, जबकि यह आंकड़ा गोवा में 50 प्रतिशत और नैनीताल में 60 प्रतिशत था।

भारत सरकार ने यह सोच कर अयोध्या में विविध परियोजनाओं के लिए 700 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की थी कि वहां पर्यटन तेजी से बढ़ेगा। देश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कुछ वर्ष पहले प्रशाद (पिलग्रिमेज रिजुविनेशन एंड स्पिरिचुअल हेरिटेज ऑगमेंटेशन ड्राइव) शुरू की थी और इसके तहत 46 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में पर्यटकों की संख्या 32 करोड़ थी, जिसमें 2.21 करोड़ अकेले अयोध्या के थे। इन पर्यटकों से करीब 2 लाख करोड़ रुपए की आमदनी हुई। परंतु, अभी अयोध्या के हालात अच्छे नहीं हैं। वहां पर्यटन सेवा प्रदाताओं में मायूसी छाई है। सरकार की ओर से अयोध्या को साफ और चौड़ी सड़कों, विश्वप्रसिद्ध राम जन्मभूमि मंदिर, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्‌डे और अनेक अन्य सुविधाओं की सौगात मिली। पर्यटकों की आवाजाही से वहां की अर्थव्यवस्था को एक नया संबल मिला। परंतु चुनाव नतीजों ने सब किए कराए पर पानी फेर दिया। आइए प्रार्थना करें के आने वाले वक्त में अयोध्या में फिर से रौनक होगी।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तम्भकार हैं।

ईमेल: narvijayindia@gmail.com

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