एन सी आर
जिला कारागार में क्षमता से 3 गुना अधिक बंदी बिगाड़ रहे है व्यवस्था

सजायाफ्ता 40 बंदी बरेली शिफ्ट करने से भी समाधान नहीं, 870 की क्षमता, जेल में हैं तीन हजार
मुजफ्फरनगर। जिला जेल में इस समय क्षमता से तीन गुना अधिक बंदियों को रखा गया है। शनिवार को 40 सजायाफ्ता कैदी बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिये गए। उसके बावजूद जिला जेल पर पड़ने वाले भार में अधिक कमी नहीं आएगी। आबादी के बीच में स्थित जिला जेल को क्षमता अनुसार निर्माण के लिए एक दशक से प्रक्रिया चल रही है। लेकिन जमीन अधिग्रण व्यवाहारिक स्वरूप में न आने के कारण स्थिति जस की तस है। अंग्रेजों के जमाने से नगर की गांधी कालोनी व शिवपुरी के बीच घनी आबादी में चल रही जिला जेल की क्षमता केवल 870 कैदियों (840 पुरुष व 30 महिला) की है। 13 एकड़ रकबे में बनी जिला जेल के 25 बैरक में इस समय क्षमता से तीन गुना लगभग तीन हजार कैदी हैं। जिनमें 30 के सापेक्ष 73 महिला कैदियों को रखा गया है। दस वर्ष पूर्व शासन ने जिला जेल का निर्माण अन्यत्र स्थान पर कराने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी, लेकिन बाद में मामला अधर में लटक गया था। दस वर्ष पहले वहलना चैकी से आगे काली नदी किनारे मीरापुर गांव के जंगल में जिला जेल निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। करीब 54 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए शासन से किसानों को देने के लिए 12 करोड़ रुपया भी आ गया था, लेकिन अधिग्रहण के नियमों में परिवर्तन के कारण प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था। जिसके सात साल बाद रहकड़ा-जट मुझेड़ा के जंगल की 80 हेक्टेअर भूमि जिला जेल के लिए चिन्हित की गई। 120 किसानों ने सहमति-पत्र जिला प्रशासन को सौंप भी दिये थे। प्रस्ताव के अनुसार जानसठ तहसील के परगना भोकरहेड़ी के रहकड़ा गांव में जेल का निर्माण होना था। जबकि भोपा रोड से जेल तक का रास्ता जट मुझेड़ा गांव के जंगल से दिया जाना प्रस्तावित था। लेकिन प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद मामला आज तक अधर में है।
जिले के माफिया दूसरी जेलों की फांक रहे हवा
2011 में बरला के दादा-पौते की धारदार हथियारों से काटकर हत्या के मामले में मृत्युदंड पाए पिता-पुत्र सहित सजायाफ्ता 40 कैदियों को शनिवार को जिला जेल से बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। इन सहित जिले के कई नामचीन बदमाश दूसरी जेलों की हवा खा रहे हैं। इनमें हत्या के मामले में सजा पाई कुख्यात विक्की त्यागी की पत्नी तथा गैंगस्टर मीनू त्यागी, गैंगस्टर के मामले में निरुद्ध माफिया डान सुशील सिंह उर्फ मूछ, विधायक तथा पूर्व मंत्री हत्याकांड में नामजद रहे तथा हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा भी शामिल हैं। संजीव जीवा इस समय लखनऊ सेंट्रल जेल तथा सुशील मूछ व मीनू त्यागी आंबेडकर नगर जेल में बंद हैं।
जिला जेल झेल रही वार्डर चुन्नीलाल की हत्या का दंश
अंग्रेजो के जमाने की जिला जेल ने फिरंगियों के बंद किये आजादी के मतवालों सहित अपने ही लोगों के कत्ल में हाथ खून से रंगने वालों तक को कैद किया। जेल के भीतर बदमाशों के हंगामे और हमलों के अलावा कई घटनाएं ऐसी भी हुई जिन्होंने जिले के इतिहास में एक काला अध्याय रच दिया। ऐसा ही एक मामला जिला जेल वार्डन चुन्नी लाल की हत्या से भी जुड़ा है। करीब 11 वर्ष पहले जिला जेल वार्डर चुन्नी लाल की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह अपनी ड्यूटी समाप्त कर जेल से अपने क्वार्टर की और जा रहा था। इस हत्याकांड का कारण जेल में निरुद्ध रहे कुख्यात विक्की त्यागी पर जेल वार्डर की सख्ती को माना गया था। इस मामले में विक्की त्यागी को भी अपराधिक षड़यंत्र रचने का मुजरिम बनाया गया था।