झूठी निकली अपहरण व रेप की कहानी: अदालत से मस्जिद के इमाम को क्लीन चिट

पीड़िता के दिये मजिस्ट्रीयल बयान से आरोपी को मिली राहत
मुजफ्फरनगर। एक युवती के अपहरण कर उसका रेप किये जाने के मामले में कोर्ट ने आरोपी इमाम को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में पीड़िता द्वारा मजिस्ट्रेट को दिये गये बयान से इमाम को राहत मिली है।
अभियोजन के अनुसार मौजूदा जनपद शामली के गांव की एक युवती का 30 सितंबर 2014 को अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में पीड़िता की मां ने थाना भवन में मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 30 सितंबर को वह अपने बीमार भतीजे को देखने के लिए गई थी और घर पर उसकी बेटी अकेली थी। जब वह किसी काम से बाहर निकली तो गांव की मस्जिद के इमाम मोबिन पुत्र यूसुफ ने उसका अपहरण कर लिया था। आरोप था कि अपहरण के बाद मोबिन ने उसे देहरादून के एक होटल में रख उसके साथ रेप किया था। पुलिस ने घटना के 2 माह बाद युवती को बरामद कर लिया था। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने युवती को बरामद कर मजिस्ट्रेट कोर्ट में उसके गोपनीय बयान कराए थे। अभियोजन के अनुसार सीआरपीसी 164 के बयान में ब्रितानी कहा था कि वह बालिग है और अपनी मर्जी से आरोपी के साथ गई थी। घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष अपर न्यायाधीश पोक्सो एक्ट कोर्ट बाबूराम ने की। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद और कोर्ट में पेश सबूतों के आधार पर आरोपी मोबीन को संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया गया।




