विधायक ना सांसद न ही पहुँची सरकार! गरीब को है मदद की दरकार?




इस दर्द की दवा करे कोई..
काज़ी अमजद अली
मुज़फ्फरनगर के गांव योगेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद पीड़ित को सांत्वना देने वाले गणमान्यों का अभी टोटा नज़र आया है।जहाँ झोंपडी में लगी आग के दर्दनाक हादसे में सात वर्षीय बालिका विद्या की दर्दनाक मौत हो गई है। आग लगने से एक बकरी भी जलकर मर गई। गरीब के घर का सभी सामान जलकर स्वाहा हो गया है।पीड़ित महिला ने मदद की गुहार शासन-प्रशासन से लगाई है।संवेदनहीनता की बात यह है की लेखपाल तक भी मौके पर नही पहुंचा।
झोपड़ी में आग लगने से गई थी मासूम की जान
पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम को तैयार नही कोई भी?विधायक ना सांसद न ही पहुँची सरकार गरीब को है मदद की दरकार?https://t.co/w9ZfPPgmVs pic.twitter.com/PBi15WWk80
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) March 20, 2023
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र के मुज़फ्फरनगर जिला मुख्यालय से 32 km दूर भोपा थाना क्षेत्र के गांव सीकरी के मजरे योगेंद्र नगर की आबादी लगभग 1500 है। ऊसर रेतीली भूमि पर आबाद गाँव के उत्तर पूर्वी छोर पर खाना बदोश लोगो की बस्ती आबाद है। स्थानीय लोग इन खाना बदोश लोगो को बंगाली कहते हैं। इसी बस्ती में एक महिला जिसका नाम कुशवा बंगाली है, की झोपड़ी में शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि आग लग गई थी । बुखार से पीड़ित कुशवा महिला के साथ समय 7 वर्षीय पुत्री विद्या मौजूद थी। आग के शोलों को देख मां बेटी झोंपडी के द्वार की ओर लपकी किन्तु ऊपर से गिरी आग ने मासूम विद्या को चपेट में ले लिया कुशवा बेटी विद्या को बचाने का कोई प्रयास करती भयानक लपटों ने उसे भी घेर लिया तो बाहर परिवार के दूसरे सदस्यों ने उसे बाहर खींचकर बचा लिया किन्तु आग में जलकर मासूम विद्या की दर्दनाक मौत हो गयी।
कुशवा मासूम बेटी की दर्दनाक मौत के बाद गहरे सदमे में है।
कुशवा का रुदन ढाँढस देने वालों को भी भावुक किये जा रहा है।विद्या की मौत से ग्रामीण भी सहमे हुए हैं इसी हादसे में आग में जलकर गरीब कुशवा की एक बकरी भी जलकर मर गई झोंपडी में रखे कुछ रुपये सहित आटा, बर्तन, कपड़े आदि भी जलकर स्वाहा हो गए अब कुशवा बिना छत के आकाश के नीचे आ गयी है।
मदद की सरकार
अब निर्धन परिवार को मदद की सख्त दरकार है। किन्तु क्षेत्र के सांसद व विधायक और न सरकार का कोई नुमाइंदा अभी तक पीड़ित गरीब परिवार को सांत्वना देने उसके घर नहीं पहुँचा है।इसके अलावा किसी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा भी पीड़ित की कोई सुध अभी नहीं ली गई है। सोमवार को खानाबदोश परिवार के शामोस, सुमदा,लोंगेश,रवीश,अक्षय, समय सिंह,जोगिंदर, विपुल,बिबली, बिलमो, सुनीता, सुमनचंद ,रंजीता, मंगलेश सुमन आदि ने बताया कि उनके परिवार झोपड़ी में रहते हैं प्रत्येक वर्ष गर्मी के मौसम में उनकी झोंपड़ियों में आग लगती है। जिससे अक्सर मानवीय क्षति होने के अलावा आर्थिक नुकसान होता है। निर्धन परिवारों ने प्रशासन से आवास बनवाने व आर्थिक सहायता की गुहार लगाई ।
शिक्षा का अभाव व रोजी रोटी के लाले
योगेन्द्रनगर गाँव मे दर्जनों खाना बदोश बंगाली परिवार रहते हैं कुशवा ने बताया कि थोड़ी बहुत मज़दूरी का कार्य मिल जाता है।जिससे किसी प्रकार पेट तो भर जाता है। किन्तु बच्चे स्कूल नही जा पाते हैं। अधिक निर्धनता के कारण उनका समाज मज़बूत समाज की धारा में शामिल नही हो सका है।




