डबल मर्डर केस: लचर पैरवी के चलते अदालत से क्लीन चिट पा गए दलित युवती और मासूम के हत्यारोपी

मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल क्षेत्र के गांव लूहारी खुर्द निवासी 19 वर्षीय दलित प्राची पुत्री मोहरपाल 19 दिसंबर 2017 को गन्ना छीलने के लिए पूर्व प्रधान के खेत पर गई थी। प्राची के साथ उसका 6 वर्षीय भांजा नवदीप भी चला गया था। दिन भर इंतजार के बाद रात को जब प्राची और उसका भांजा नहीं लौटे तो परिवार वालों को चिंता हुई थी पुलिस में दोनों की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। अगले दिन सुबह पूर्व प्रधान तेजवीर के खेत से दोनों के शव बरामद हुए थे। जिसको लेकर गांव में जमकर बवाल हुआ था। पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों को आश्वस्त किया था की हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी 72 घंटे के भीतर कर दी जाएगी।
मुठभेड़ में दबोचे गए थे दो हत्यारोपी
थाना चरथावल पुलिस ने 19 वर्षीय प्राची और 6 वर्षीय भांजे नवदीप की हत्या का मुकदमा अज्ञात में लिख आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। जांच में सामने आया था कि गर्दन काटकर हत्या से पहले प्राची का रेप किया गया था। दाईं आंख, हाथ और अन्य कई अंग नवदीप के शरीर से गायब मिले थे। पुलिस ने इस मामले में आरोपी शराफत उर्फ फद्दड़ को गिरफ्तार कर घटना की जानकारी हासिल कर ली थी। जिसके बाद 25 दिसंबर को थानाभवन रोड पर गांव सिकंदरपुर के समीप सुबह के समय पुलिस की दो हत्यारोंपियों से मुठभेड़ हुई थी। पैर में गोली लगने से आरोपी मुकम्मल पुत्र शमशाद और जानू और जान आलम पुत्र यामीन निवासी लुहारी खुर्द गिरफ्तार कर लिए गए थे। जिनके कब्जे से मृतका का मोबाइल भी बरामद हुआ था।
एससी-एसटी कोर्ट में हुई घटना के मुकदमे की सुनवाई
घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष एससी एसटी कोर्ट के जज रजनीश कुमार ने की। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि विवेचक ने माल मुकदमा का पुलिंदा बदला है। जिसके लिए उच्च अधिकारियों से कोई पूर्व अनुमति भी नहीं ली गई थी। तर्क दिया था कि घटना के समय माल मुकदमा के पुलिंदे में दोनों मृतकों की एक चप्पल रखी गई थी। लेकिन कोर्ट पहुंचकर पुलिंदा से दोनों की 2-2 चप्पल बरामद हुई थी। इसके अलावा मृतका के बरामद मोबाइल की सीडीआर भी विवेचक ने प्रस्तुत नहीं की थी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष sc-st कोर्ट ने रेप और हत्या के तीनों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।