मेडिकल कॉलिज में गर्भवती महिला की मौत, व्यवस्थाओ की खुली पोल

परिजनों की वीडियो वायरल, सफाई दी सी एम एस ने
मुजफ्फरनगर मेडिकल काॅलेज में बीती देर रात गर्भवती महिला की मौत होने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि कोरोना संक्रमण की जांच रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी मरीज को कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया, जहां उपचार के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई। इसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें मृतक महिला के पति चींख-चींखकर डाॅक्टरों पर अपनी पत्नी व उस बच्चे की हत्या का आरोप लगा रहे हैं, जो अभी दुनिया में आया भी नहीं था। इस प्रकरण के बाद मेडिकल काॅलेज की सेवाओं को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बताया जाता है कि शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पलडी निवासी सचिन सैनी की 30 वर्षीय पत्नी अंजली सैनी को खांसी महसूस हुई थी, जिसके बाद उसके पति महिला को लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे, लेकिन आरोप है कि शहर के किसी भी फिजिशियन ने उन्हें उपचार नहीं दिया। स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का हवाला देते हुए मरीज को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। जिसके बाद अंजली को मुजफ्फरनगर से वापस शाहपुर ले जाकर स्वास्थ्य केन्द्र में दिखाया गया। जहां कोरोना टेस्ट हुआ, टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई। जिसके बाद एंटीजन निगेटिव रिपोर्ट के आधर पर महिला को उपचार दिया गया। यहां से डाॅक्टरों ने अंजली को बेगराजपुर स्थित मेडिकल काॅलेज रैफर किया। यहां सामान्य वार्ड में भर्ती रहने के बाद अंजली को जिला अस्पताल भेज दिया गया। इस बीच मेरठ मेडिकल काॅलेज से जांच रिपोर्ट भी आ गई, जिसमें अंजली को कोरोना निगेटिव बताया गया। आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने के बाद यहां के डाॅक्टरों ने पिफर से बेगराजपुर के लिए यह कहकर रवाना कर दिया कि यहां वेन्टीलेटर की सुविध नहीं है। पिफर से परिजन अंजली को लेकर मेडिकल काॅलेज पहुंचे, तो यहां उसे भर्ती कर लिया गया। आक्सीजन लेबल लगातार गिर रहा था। इस बार डाॅक्टरों की गलती यह हुई कि रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी महिला को कोरोना संक्रमित वार्ड में भर्ती कर दिया गया। बीती रात उसे बताया गया कि हालत बहुत खराब है। सुभारती मेडिकल के लिए यहां से रैफर किया गया। जैसे ही सचिन एंबुलेंस लेने के लिए कोविड वार्ड के नीचे पहुंचा, थोड़ी देर में फिर से काॅल आ गया कि अंजली की मौत हो चुकी है। परिजन पहुंचे तो मौके पर न तो कोई डाॅक्टर था और न ही नर्सिंग स्टाफ, जो उन्हें जवाब दे सके कि मौत का कारण क्या रहा है। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। नर्सिंग स्टाफ पर हत्या का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग की। बाद में समझाने पर परिजनों का अनुरोध् मानते हुए मेडिकल काॅलेज के प्रबंधन ने शव को ग्राम पलड़ी भिजवा दिया। जहां कोविड प्रोटोकाॅल के अनुसार शव का स्थानीय श्मशान घाट में दाहसंस्कार कर दिया गया।