अपहरण के मामले में सिपाही सहित 4 आरोपी बरी, अपराध साबित नही कर पाया अभियोजन पक्ष

अदालत में केस को साबित नही कर पाया अभियोजन पक्ष, पुलिस की कहानी और साक्ष्यों का नही हुआ मिलान
कचहरी से अपहरण कर कार में हत्या के इरादे से ले जा रहे थे आरोपी, दरोगा ने चेकिंग में किया था बरामद
मुजफ्फरनगर। वर्ष 2009 में कचहरी से हुए अपहरण के मामले में अभियोजन पक्ष एक बार फिर केस को साबित करने में नाकाम साबित हुआ। पुलिस की कहानी अदालत में चल नहीं पाई जिसके चलते अदालत ने सभी नामजद आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में एक आरोपी की पुलिस मुठभेड़ में पहले ही मौत हो चुकी है। वर्ष 2009 में विनोद निवासी भौरा खुर्द के अपहरण की सूचना सिविल लाइन पुलिस को मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी करके विनोद को बरामद कर लिया था। इस मामले में सब इंस्पेक्टर शिवाकर मिश्रा ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में यू पी पुलिस के कांस्टेबल सत्यवीर, होमगार्ड देशपाल, जयवीर सिंह और आदेश को नामजद कराया गया था। सभी चारो आरोपी जेल भेज दिए गए थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। अब यह मामला अदालत में चला, सोमवार को सेशन कोर्ट 6 में अपर जिला जज शाकिर अली के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता शाकिर अली ने पुलिस की कहानी को झूठा ठहराया। अभियोजन पक्ष के वकील अपनी बात को साबित नही कर पाए। जिसके चलते अदालत ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। अधिवक्ता वकार अहमद ने बताया कि ट्रायल के दौरान ही एक आरोपी आदेश की मुठभेड़ में मौत हो गई थी। उसे भी दोषमुक्त करार दिया गया है। इसके अलावा यूपी पुलिस के कांस्टेबल सत्यवीर, होमगार्ड देशपाल एवम जयवीर सिंह को भी दोषमुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस ने धारा 364 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। मगर साक्ष्यों को अभियोजन पक्ष साबित ही नही कर पाया, जिसके चलते अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
लिखापढ़ी में क्या था मामला…
दरोगा शिवाकर मिश्रा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था थी वे प्रकाश चौक पर चेकिंग कर रहे थे, एक कार में एक व्यक्ति ने शोर मचाया और बताया कि की उसका हत्या के इरादे से अपहरण किया गया है। तत्काल पीड़ित को मुक्त कराया गया और आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। आरोपी भोराकला थाना पर तैनात सिपाही सत्यवीर, होमगार्ड देशपाल के साथ जयवीर और आदेश भी गिरफ्तार किए गए थे। सिपाही और होमगार्ड जयवीर और आदेश की सुरक्षा में तैनात थे। इस घटना के पीछे भी गांव की रंजिश बताई गई थी।