कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के बैनर तले लिपिक वर्ग ने दिया एक दिवसीय धरना

मांगे नहीं मानी गई तो 18 सितम्बर को लखनऊ में बजेगा आंदोलन का बिगुल
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के प्रान्तीय नेतृत्व के आह्वान पर कलेक्ट्रेट परिसर में कलेक्ट्रेट एवं तहसीलों में कार्यरत लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों ने अपने 22 सूत्रीय मांगपत्र के समर्थन में धरना दिया। यहाँ चेतावनी दी गई क़ी 17 सितम्बर तक मांगो को माना नहीं जाता तो 18 सितम्बर को लखनऊ में पूरे प्रदेश के कर्मी धरना देंगे।
संगठन के अध्यक्ष अम्मार हैदर व सचिव मनीष शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों क़ी मांगो को पूरा किया जाना जरुरी है। उन्होंने कहा क़ी कलेक्ट्रेट कार्यालय को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए कार्मिकों का वेतन उच्चीकृत करने, कलेक्ट्रेट लिपिक संवर्ग सेवा नियमावली 2011 पूर्ववत लागू करने, लेखा का कार्य संपादित करने वाले पटल सहायकों को लेखा संवर्ग का वेतनमान दिये जाने, नवसृजित जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं नवसृजित तहसीलों में प्रशासनिक अधिकारी का पद सृजित किये जाने, भूलेख लिपिक का पद पूर्व की भांति कलेक्ट्रेट में वापस किये जाने, सामयिक सहायक वासिल वाकी नवीसों को रिक्त पदों के सापेक्ष एक मुश्त शत-प्रतिशत समायोजित किये जाने आदि प्रकरणों में विभागाध्यक्ष व अध्यक्ष राजस्व परिषद उ०प्र० की संस्तुति हो जाने के उपरान्त भी अभी तक शासनादेश निर्गत न करने से कर्मचारियों में काफी कुण्ठा व्याप्त है, जिससे उनकी आर्थिक व मानसिक क्षति हो रही है। शासन द्वारा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये बार-बार कार्मिकों को समय से पदोन्नति का शासनादेश निर्गत किया जाता है, किन्तु सेवा नियमावली में प्रदत्त व्यवस्था के तहत प्रशासनिक अधिकारियों एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर पदोन्नति हेतु पात्रता क्षेत्र के विस्तार का अनुमोदन शासन एवं राजस्व परिषद द्वारा नहीं किया जा रहा है।जिससे पात्र कार्मिक पदोन्नति के लाभ से वंचित होकर सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कलेक्ट्रेट को मिनी सचिवालय घोषित किये जाने, लिपिक संवर्ग कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति किये जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू किये जाने, सामयिक रूप से की गयी सेवाओं को सेवा अवधि में जोड़े जाने, रिक्त पदों पर यथाशीघ्र भर्ती किये जाने, पदोन्नतियों में आरक्षित रिक्तियों में पदों की गणना के संबंध में 0.51 के स्थान पर 01 पद स्थापित किये जाने, चिकित्सा प्रतिपूर्ति को आयकर आगणन में शामिल न किये जाने, सामूहिक बीमा की धनराशि को 10 लाख रू० किये जाने आदि अनेकों मांगे शासन एवं राजस्व परिषद में अनावश्यक रूप से लंबित है। इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीता देवी, विकास शर्मा, पंकज कुमार, सुभाष राठी, आशीष आर्य, रोबिन पाल, सचिन त्यागी, विजय कुमार, धीरजपाल शर्मा, नासिर हुसैन, पुष्पेंद्र सिंह, शेखर शर्मा, रमी मलिक, जनेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे।
https://x.com/TrueStoryUP/status/1826678919187374292?t=dQcN-ltmc0Dev26yHsfsnw&s=19