BKU की राजधानी सिसौली में एक झंडे के नीचे एकजुट दिखा जाट समाज.. नशामुक्ति व दहेज़ से परहेज का आह्वान

हज़ारों की भीड़, गरजते नेताः ऐतिहासिक जाट महापंचायत में हुए बड़े निर्णय
UP : जनपद जाट महासभा मुजफ्फरनगर द्वारा जिले के सिसौली में आयोजित विशाल जाट महापंचायत में जाट समाज की प्रमुख मांगों और सामाजिक कुरीतियों पर गंभीर चर्चा हुई। इस महापंचायत में जाट आरक्षण की मांग, दहेज प्रथा के उन्मूलन, नशामुक्ति अभियान और समाज में शिक्षा के प्रसार जैसे अहम मुद्दों पर एकजुटता दिखाई गई। महापंचायत में जहां जाट समाज के दिग्गजों ने प्रतिभाग लिया, वहीं बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने महापंचायत में पहुंचकर इस महापंचायत को यादगार बना दिया। महापंचायत की अध्यक्षता भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने तथा संचालन जयवीर ने किया।
जनपद जाट महासभा मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान द्वारा सिसौली में जाट आरक्षण व सामाजिक कुरीतियों के संबंध में 30 मार्च को एक महापचंायत आयोजित करने का आह्वान किया था, जिसके चलते रविवार को सिसौली में जाट समाज के लोगों की ऐतिहासिक भीड़ एकत्रित हुई और एक सफल महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में ना केवल जाट समाज के राजनीतिक दिग्गजों ने भाग लिया, बल्कि समाज के जिम्मेदार लोगों, खाप चौधरियों से समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग पहुंचे और अपने वक्ताओं के विचार सुनें। महापंचायत में सभी वक्ताओं ने जहां न केवल जाट समाज को राजनीतिक और शैक्षणिक आरक्षण दिए जाने की मांग उठाई गई, बल्कि दहेज प्रथा, नशा मुक्ति, शिक्षा एवं रोजगार जैसे मुद्दों पर भी गहनता से चर्चा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि समाज को अपनी एकजुटता दिखानी होगी, हर तरह के मनमुटाव मिटाने होंगे, उसके बाद ही समाज की तरक्की संभव है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि समाज को आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने समाज के युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर जाट महासभा द्वारा पिछले एक महीने में दिन-रात मेहनत कर जिस तरह से समाज को एकत्रित किया, उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज को ओ ले जाने के लिए शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है। लड़कियों के लिए खासतौर पर आवश्यकता है। पष्चिमी उत्तर प्रदेश में लड़कियों के लिए एक विश्वविद्यालय बनना चाहिए, जिसमें समाज की बेटियां जाकर अपनी शिक्षा हासिल कर सकें। आज बेटियों को शिक्षा हासिल करने के लिए राजस्थान जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज जाट समाज हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है, चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर व्यापार हो, समाज ने तरक्की की है, परन्तु राजनीतिक रूप से यह समाज पिछड़ रह है। आज फिर समाज को चौधरी चरण सिंह व चौधरी महेन्द्र सिंह जैसे नेताओं की आवश्यकता है, जो केवल जाटों के नेता ना होकर, बल्कि पूरे देश के नेता थे। आरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अपने स्तर से जाटों के आरक्षण को लेकर सकारात्मक कदम उठाये गये हैं और आगे भी उठाये जाते रहेंगे।
मुजफ्फरनगर से SP के सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि समाज को आज स्कूटनी की जरूरत है, जिसे खाप चौधरी ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कभी गांव में एक-आध व्यक्ति शराब पिया करता था, परन्तु आज हर शाम को शराबियों को जमावड़ा लगता है और बड़े-छोटे की शर्म भी नहीं रही है। सूखा नशा किया जा रहा है, जो युवाओं को बर्बाद कर रहा है। इसके अलावा समाज में लड़कियों के छूट-छूटाव का चलन बहुत बढ़ गया है, जो एक शर्म का विषय है। कभी यदि किसी की बेटी का छूट-छूटाव हो जाया करता था, तो वह शर्म के मारे इसका जिक्र भी नहीं करता था, परन्तु आज यह एक परम्परा बन गयी है, इस पर खाप चौधरियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा 14 जुलाई 1995 को लोकसभा में दो गैर सरकारी संकल्प पेश किये गये थे, जिसमें प्रदेश का बंटवारा व जाट आरक्षण शामिल थे। उनके व जाट समाज के नेताओं की मजबूत पैरवी के चलते जाट समाज को आरक्षण मिल गया था, परन्तु जाट समाज इसे बचा नहीं पाया है।
कार्यक्रम के आयोजक धर्मबीर बालियान ने कहा कि वह एक साल पहले वह जाट महासभा के जिलाध्यक्ष बने थे और तभी से उन्होंने अपने इस पद को जिम्मेदारी समझा और गांव-गांव जाकर समाज की समस्याएं देखी। समाज में अनेक कुरीतियां हैं, जिन पर अंकुश लगना बेहद जरूरी है। उन्होंने महापंचायत में आये लोगों का आह्वान किया कि आज समाज जिस उद्देश्य के लिए इकट्ठा हुआ है, उसका संदेश जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रहम भोज की प्रथा बंद होनी चाहिए और यह निर्णय समाज के जिम्मेदार लोगों को लेना चाहिए। किसी के यहां बूढा मरे या जवान ब्रहमभोज नहीं करना चाहिए। नशा खोरी को लेकर उन्होंने कहा कि खाप चौधरियों को नशाबंदी को लेकर कोई फरमान सुनाना चाहिए और नशा करने वालों पर सामाजिक सजा तय होनी चाहिए। दहेज प्रथा को लेकर उन्होंने कहा कि वैसे तो सभी कहते हैं कि दहेज प्रथा बंद होनी चाहिए, परन्तु जब अपना नम्बर आता है, तो वह भूल जाते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि यदि कोई दहेज दे भी, तो भी दहेज नहीं लेना है।
बड़ी उपस्थिति, मजबूत संदेश
इस महापंचायत में मुजफ्फरनगर के सांसद हरेन्द्र मलिक, क्षेत्र के सभी प्रमुख खाप चौधरियों और हजारों की संख्या में जाट समुदाय के लोग शामिल हुए। महापंचायत ने सरकार और समाज के सामने एक स्पष्ट संदेश दिया कि जाट समुदाय अपने अधिकारों के प्रति सजग है और सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। महापंचायत में यह तय किया गया कि जाट समाज के मुद्दों को लेकर एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। साथ ही, गाँव-गाँव में युवा समितियाँ बनाकर नशामुक्ति और शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
महापंचायत में ये खाप चौधरी हुए शामिल
सिसौली की जाट महापंचायत में बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत, अहलावत खाप के चौधरी गजेन्द्र, सर्वखाप मंत्री चौधरी सुभाष बालियान, देशवाल खाप के चौधरी सरणवीर सिंह, धणधस खाप के चौधरी सुखपाल सिंह, श्योरण खाप के चौधरीप्रविन्द्र आर्य, बतीसा खाप के चौधरी लोेकेन्द्र सिंह, लांक थाम्बा रविन्द्र मलिक, काजला खाप के चौधरी, गुलिया खाप के चौधरी समेत अनेक खाप चौधरी व थाम्बेदार शामिल हुए और समाज की कुरीतियों व आरक्षण पर चर्चा की।
इन्होंने किया संबोधित…
भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान,सांसद हरेन्द्र मलिक, धर्मबीर बालियान, कर्नल साहब, युद्धवीर सिंह, कुलदीप प्रधान, बिट्टू सिखेड़ा, ब्रजवीर सिंह, अमित प्रमुख, राजू अहलावत, विकास बालियान, पूनम चौधरी, नीतू चौधरी, अमित चौधरी, बाबा परमेन्द्र आर्य , अनुज बालियान, विनित बालियान आदि वक्ताओं ने संबोधित किया।
अथक परिश्रम से तैयार की गई थी ऐतिहासिक महापंचायत की पृष्ठभूमि, समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की रही खास कोशिश
जनपद जाट महासभा मुजफ्फरनगर के अध्यक्ष चौधरी धर्मबीर बालियान के अथक प्रयासों से सिसौली में आयोजित जाट महापंचायत ने इतिहास रच दिया। महापंचायत में जहां जाट समाज के सभी दिग्गजों को एक मंच पर लाने का काम किया, वहीं मंच पर केवल समाज के मुद्दों पर ही बात हुई, किसी को भी राजनीतिक मुद्दों पर बोलने की अनुमति नहीं थी, जिसके चलते सफल महापंचायत का आयोजन हो सका। इस विशाल आयोजन की सफलता के पीछे धर्मबीर बालियान और उनकी टीम की महीनों की मेहनत छिपी हुई है, जिसने जाट समाज को एक नई दिशा देने का काम किया है।
बता दें कि जाट समाज ऐसा समाज है, जिसमें समाज के लोग अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों व खापों से जुड़े हुए हैं, ऐसे में भी राजनेताओं व खाप चौधरियों को एक मंच पर लाना आसान नहीं था। दूसरी ओर इस बात का भी ध्यान रखना था कि मंच पर आने के बाद कहीं विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े राजनेताओं में कोई मनमुटाव न हो। ऐसी परिस्थितियों में सफल महापंचायत कराना आसान नहीं था, परन्तु सिसौली में हुई महापंचायत में साबित हो गया है कि यदि नियत ठीक हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। रविवार को सिसौली में हुई महापचंायत में ना केवल विभिन्न राजनीतिक दलों के राजनेताओं ने भाग लिया, बल्कि विभिन्न खाप चौधरियों व थाम्बेदारों के अलावा समाज के जागरूक लोगों ने भाग लेकर केवल समाज के मुद्दों पर बात की। पंचायत में उन सभी मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिन पर कार्य करने की आवश्यकता है। मंच पर मौजूद वक्ताओं ने समाज की कुरीतियों को दूर किये जाने का न केवल संकल्प लिया, बल्कि पंचायत में भाग लेने पहुंची भीड़ से भी उसका समर्थन कराया।
धर्मबीर बालियान ने इस महापंचायत को सफल बनाने के लिए, गाँव-गाँव घूमकर समाज के लोगों से सीधा संवाद किया। सभी खाप चौधरियों और नेताओं के साथ समन्वय बनाया। युवाओं को जोड़कर जागरूकता अभियान चलाया। आयोजन स्थल की सुरक्षा और प्रबंधन की हर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी स्वयं संभाली। समाज के मुद्दों को किया प्रमुख। बालियान ने न सिर्फ इस आयोजन को सफल बनाया, बल्कि, जाट आरक्षण की मांग को मजबूती से उठाया। दहेज प्रथा और नशामुक्ति पर सामाजिक संकल्प लिया। युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार की योजनाएं प्रस्तुत कीं।
जाट महासभा मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित कराई गयी महापचांयत की उन सभी ने सराहना की, जो इस महापंचायत में प्रतिभाग करने के लिए पहुंचे थे। मंच से अपनी बात रख रहे सभी वक्ताओं ने आयोजकों को इस बात के लिए साधूवाद भी दिया। धर्मबीर बालियान ने न केवल इस आयोजन को सफल बनाया, बल्कि जाट समाज की मुख्य मांगों ’आरक्षण, दहेज उन्मूलन, नशामुक्ति और शिक्षा’ को मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा, ’हमारा उद्देश्य सिर्फ एक सभा आयोजित करना नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा देना है।’ धर्मबीर बालियान के नेतृत्व में जाट महासभा मुजफ्फरनगर ने साबित किया कि मेहनत, एकजुटता और स्पष्ट विजन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यह महापंचायत न केवल जाट समाज के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई, बल्कि पूरे क्षेत्र के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस ऐतिहासिक महापंचायत ने न केवल जाट समुदाय को एक नई दिशा दी है, बल्कि सरकार के लिए भी एक बड़ा संदेश छोड़ा है कि समाज के विकास और न्याय के मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।