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अनिवार्य लाइसेंसिंग के प्रस्ताव पर आपत्ति कानून के विरोध में मेयर से मिले माइक्रो रिटेलर्स 

मुरादाबाद। तंबाकू उत्पाद बेचने वाले 12,000 से ज्यादा छोटे रिटेलर्स और पानवाला का प्रतिनिधित्व करने वाले मुरादाबाद पान विक्रेता संघ मुरादाबाद ने उत्तर प्रदेश सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा 8 जून 2021 को जारी किए गए मसौदा प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें शहर में पान, बीड़ी, सिगरेट आदि जैसे तंबाकू उत्पाद बेचने वाले रिटेलर्स के लिए अलग लाइसेंस अनिवार्य करने की बात कही गई है। इस कदम से छोटे रिटेलर्स की आजीविका पर दुष्प्रभाव पड़ेगा और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।

इस मुद्दे के बारे में बताते हुए संजय जैन (प्रेसिडेंट, मुरादाबाद पान विक्रेता संघ, मुरादाबाद) ने कहा मुरादाबाद में, देश के अन्य जगहों की तरह, तंबाकू उत्पादों का खुदरा व्यापार पारंपरिक रूप से 12,000 छोटे दुकानदारों के हाथों में रहा है, जो असंगठित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और छोटी दुकानों से संचालन करते हैं। इन खुदरा विक्रेताओं को लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान हुआ है और वे अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे निराशाजनक समय में हम यह देखकर चकित हैं कि उत्तर प्रदेश के शहरी विकास विभाग और मुरादाबाद नगर निगम ने छोटे रिटेलर्स का सहयोग करने के बजाय एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है, जो हाशिए पर जी रहे रिटेलर्स का उत्पीड़न कई गुना बढ़ाएगा और व्यापार करने की लागत बढ़ाकर उन्हें बहुत बड़ा झटका देगा। यह समय छोटे और सीमांत रिटेलर्स को राहत प्रदान करने का है और हम नगर निगम से अनुरोध करते हैं कि इस मसौदा प्रस्ताव को लागू न करें और इसके बजाय ऐसी नीतियां बनाएं जो हमारे सदस्यों के लिए आजीविका के अवसरों का निर्माण कर सकें।’

मुरादाबाद पान विक्रेता संघ का यह भी मानना है कि ऐसे कदमों से ज्यादातर अशिक्षित छोटे रिटेलर्स को प्रवर्तन अधिकारियों के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा, जिससे लाइसेंस राज की वापसी होगी। इससे कोविड महामारी के कारण पहले से ही नुकसान का सामना कर रहे रिटेलर्स के कारोबार की लागत तेजी से बढ़ेगी। ये छोटे रिटेलर्स अपने आसपास रोजाना की जरूरत की चीजों जैसे बिस्कुट, सॉफ्ट ड्रिंक, मिनरल वाटर, सिगरेट, बीड़ी, पान आदि की बिक्री कर अपनी आजीविका चलाते हैं। लॉकडाउन से पहले उनकी कमाई 4,000 से 8,000 रुपये महीना होती थी, जिससे बमुश्किल इनके परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पाता था। महामारी के कारण उनकी कमाई पहले ही बहुत कम हो गई है और प्रस्तावित कानून से कमाई में 60 से 70 प्रतिशत की और कमी हो जाएगी, जो इनके लिए बहुत बड़ा झटका होगा। इस प्रस्तावित संशोधन को वापस लेने के लिए मुरादाबाद नगर निगम के मेयर एवं निगम आयुक्त से अपील की है और इस प्रस्ताव के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है। इस कानून से शहर में 12,000 माइक्रो रिटेलर्स पर प्रभाव पड़ेगा, जो परिवारों समेत 1 लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका चलाते हैं।

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