बदमाश बताकर कर दी थी निर्दोष युवक की हत्या,अब इंसाफ की उम्मीद

(काज़ी अमजद अली)
मुज़फ्फरनगर। दहशतज़दा माहौल कितनी संवेदनशीलता पैदा कर देता है इसका अंदाज़ा इस घटना से लगाया जा सकता है।भय के माहौल में जब एक राहगीर की हत्या बदमाश समझकर कर दी जाती है जिसका परिणाम आज दो परिवार भुगत रहे क़ातिल और मकतूल की इस रोचक कहानी में पुलिस का भी अहम रोल है ।
अपने जवान बेटे के कातिलों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में जुटे पिता को अब कानून से इंसाफ की उम्मीद बंध गयी है। नौजवान बेटे की हत्या का सदमा लिए बैठे माता पिता की आंसू भरी आंखें कातिलों का हश्र देखने का सब्र लिए बैठी है।
मुज़फ्फरनगर ज़िले के भोपा थाना क्षेत्र के ग्राम नंगला बुजुर्ग के जंगल में स्थित पोल्ट्री फार्म पर गत वर्ष 24 व 25 जौलाई की मध्य रात्रि बदमाशों द्वारा हमला करने व एक बदमाशों की आपसी गोलीबारी में एक बदमाश की हत्या होने की खबर से सनसनी फैल गयी थी। भोपा पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अज्ञात बदमाश के शव को रात में ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। सुबह होते होते बदमाश का फोटो वायरल हुआ तो घटना संदिग्ध प्रतीत होने लगी। मृतक की पहचान 20 वर्षीय गुलबहार पुत्र अब्दुल वहाब निवासी ग्राम बाकरनगर थाना भोपा के रूप में हुई। मृतक गुलबहार का पिछला कोई भी आपराधिक इतिहास न होने व परिजनों के रोष के चलते 26 जौलाई 2020 को भोपा पुलिस द्वारा मृतक के पिता अब्दुल की तरफ से दी गयी तहरीर के आधार पर सात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करना पडा। दो दिन चले घटनाक्रम में भोपा पुलिस की काफी फजीहत भी हुई थी। अब्दुल वहाब बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए लगातार सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटता रहा। उसके प्रयासों को बल उस समय मिला जब अपराध शाखा के प्रभारी निरीक्षक द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गयी। अन्तोगत्वा पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि पोल्ट्री फार्म पर रहने वाले जसप्रीत व उसके पिता बबला द्वारा गुलबहार को बदमाश समझकर हत्या की गयी थी। जिसमें बीते 16जौलाई 2021को बबला ने न्यायालय में सरेन्डर कर दिया तथा जसप्रीत का जेल जाना अभी शेष है।
मृतक के पिता अब्दुल वहाब ने बताया कि गत वर्ष 24 जौलाई को गुलबहार अपने भाई की ससुराल आसफनगर से पैदल घर लौट रहा था कि उसकी हत्या कर दी गयी थी। निर्दोष व धार्मिक प्रवृत्ति तथा संस्कारशील बेटे की बदमाश बताकर हत्या होने से पूरा परिवार गहरे सदमे में आ गया था। अब्दुल वहाब व उसकी पत्नी अनवरी को अब कानून से इंसाफ की उम्मीद है। अब्दुल वहाब ने बताया कि उस समय भोपा पुलिस की कार्रवाई हरगिज उचित नहीं थी। किन्तु बाद में भोपा पुलिस व अपराधा शाखा के द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई करने से उसे अब इंसाफ की उम्मीद बंध गयी है। कातिलों को सजा मिल जाने पर ही उन्हें चैन मिलेगी।
आखिर क्या हुआ होगा-
जसप्रीत व बबला या अन्य किसी की गुलबहार से कोई रंजिश थी, ऐसा भी नही है सिर्फ उस वक्त में जारी घटनाक्रम ने जसप्रीत व उसके साथियों को एक राहगीर की हत्या करने का साहस दे दिया। दरअसल इस घटना से सप्ताह पूर्व ही जसप्रीत के घर जो कि पोल्ट्री फार्म से कुछ ही फासले पर है पर बदमाशों ने महिलाओं के कानों के कुंडल छीनने व लूट की घटना को अंजाम दिया था।दहशत के माहौल में पैदल राहगीर को भी बदमाश समझ बैठे लोगो ने हत्या करने का दुस्साहस कर डाला।
पुलिस द्वारा बिना जाँच किये एक राहगीर को बदमाश साबित करने की हड़बड़ाहट उसकी क़ाबलियत पर सवाल खड़े करती है लेकिन आगे की निष्पक्ष कार्रवाई भी प्रशंसनीय है।