गुणों के सिवाए जगत में अपनी कोई वस्तु नहीं

दिगंबर जैन मंदिर में धूमधाम से मनाया गया दसलक्षण पर्व
मेरठ। आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में दसलक्षण पर्व धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया। इसके उपरांत भगवान पर शांति धारा की गई। शांति धारा का सौभाग्य लोकेश जैन एवं अर्पित जैन को प्राप्त हुआ। इसके बाद दसलक्षण पर्व के विशेष अवसर पर नोवें दिन नंदीश्वर दीप विधान किया गया। मांडले पर 52 अर्घ चढ़ाए गए। उत्तम आकिंचन धर्म की पूजा के 14 अर्घ चढ़ाए गए। अभिषेक शांतिधारा में अरुण जैन, सुनील जैन प्रवक्ता, राजीव जैन का सहयोग रहा। शाम को सामूहिक आरती की गई।
आज आकिंचन धर्म का दिन है। आत्मा के अपने गुणों के सिवाय जगत में अपनी अन्य कोई भी वस्तु नहीं है। इस दृष्टि से आत्मा अकिंचन है। अकिंचन रूप आत्मा-परिणति को आकिंचन करते हैं। जीव संसार में मोहवश जगत के सब जड़ चेतन पदार्थों को अपनाता है, किसी के पिता, माता, भाई, बहन, पुत्र, पति, पत्नी, मित्र आदि के विविध सम्बंध जोड़कर ममता करता है। सभी भक्तों ने पूजा में उत्साह के साथ भाग लिया।