अपना मुज़फ्फरनगर

काबलियत के जरिये बंदियों का चरित्र संवारने में जुटे है जेल सुपरिंटेंडेंट सीताराम शर्मा

हर रोज़ आध्यात्मिक पुस्तको का अध्ययन करते है बंदी, निरक्षरो को साक्षर करने की मुहिम

डॉ. फलकुमार पंवार
मुजफ्फरनगर जनपद की जेल में तैनात हुए जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने जिला कारागार को आदर्श जेल बनाने के लिए कारागार का रंग रूप बदलने के साथी यहाँ बंद बंदियों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था करने के साथ लाइब्रेरी में फिलहाल एक हज़ार धार्मिक, आध्यत्मिक व ज्ञानवर्धक पुस्तको का संग्रह किया जा रहा हैं। इससे पूर्व वह प्रदेश की बहुत ही खराब कहे जाने वाले जालौन के जिला कारागार उरई में अपनी काबलियत का डंका   बजा कर आए हैं। जिसके चलते प्रदेश सरकार ने उरई जैल को आदर्श जेल का रुतबा देकर अधीक्षक सीताराम शर्मा ने जनपद की कारागार को नई दिशा देने के लिए यहां तैनाती की गई हैं।
जनपद में तैनात होने के साथ ही उन्होंने अपनी कार्यशैली के अनुरूप कारागार में बंद लोगो को संदेश दिया कि अब वह पहले जैसा आचरण छोड़ कर कुछ करने की तरफ बढ़े जिसके लिए उनका मार्गदर्शन करने में उन्होंने कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ी बंदियों को प्यार ओर एकता की परिभाषा को बलवती करते हुए उन्होंने सभी धर्मों के बंदियों को कारागार क्षेत्र के अंदर ही एक साथ धार्मिक आयोजनों में भाग लेकर नई दिशा देने का आयाम स्थापित किया है। अब बारी थी निराक्षर को साक्षर बनाने के  लिए उन्होंने जेल में बंद शिक्षकों की तलाश शुरू की ओर टीचिंग का कार्य शुरू कराने के साथ ही  नए-नए कार्यक्रम आयोजित करने से कारागार का माहौल ही बदलकर रख दिया, वह जिला कारागार को नए रूप में सुसज्जित करने के लिए एक लाइब्रेरी की व्यवस्था पूरे जोर-शोर के साथ शुरू कर दी। जेल में कुछ समय पूर्व किसी मामले में बंद रहे पेंटर सादिक से भी उन्होंने उंसके अंदर छिपी प्रतिभा को जान लेने के बाद जैल की दीवारों पर सुंदर चित्रकारी कराई जिसके बाद उन्होंने जिला कारागार का कायाकल्प ही कर दिया। जेल से छूटने के बाद अभी भी सादिक दोबारा से जिला कारागार में दीवारों पर चित्रकारी करने व उन्हें सुंदर ढंग से सजाने का कार्य सुचारू रूप से कर रहे हैं।
जेल अधीक्षक कारागार में बंद बंदियों का उज्जवल भविष्य बनाने के लिए उनमें ज्ञान की गंगा बहाने के लिए तत्पर दिखाई दे रहे हैं जिसके चलते उन्होंने जेल की लाइब्रेरी में 1000 ज्ञानवर्धक  पुस्तकों का संग्रह करने के लिए कार्य योजना को अमली जामा पहना कर काफी शुरू कर दिया हैं।जैल अधीक्षक सीताराम शर्मा द्वारा बंदियों के स्वास्थ के बारे में चिंतन करते हुए योग क्लास भी आरम्भ करा दी गई हैं, वह योग गुरु के साथ खुद भी बंदियों के बीच योग को परवान चढ़ा रहे है। लाइब्रेरी में आध्यात्मिक के साथ ही सभी तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तकों को शामिल किया गया है, जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा द्वारा अपने पूर्व तैनाती में उरई जिला कारागार को आईएसओ प्रमाणित प्रमाण पत्र जारी कराया गया हैं, जिसके चलते औरैया जिला कारागार को शासन द्वारा आदर्श कारागार के रूप है मान्यता दी गई थी। बड़ी उपलब्धि मिलने के साथ डीजी कारागार द्वारा उनकी काबलियत को देखते हुए उन्हें मुजफ्फरनगर जनपद की जेल में सुधार करने के लिए यहाँ तैनाती दी गई सूत्रों की माने तो वह यहां आने के इच्छुक नहीं थे लेकिन विद्यार्थी जीवन से ही उपलब्धि हासिल करने की होड़ में शामिल रहे शर्मा ने इसे भी चेलेंज के रूप में स्वीकार कर यहाँ आते ही अपने इरादे जता दिए थे। अब उनके सार्थक प्रयासों में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही हैं, उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि वह टीचिंग क्षेत्र में जाने के इच्छुक होने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में  लगातार टॉपर रहे है। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था,की वह जिला कारागार अधीक्षक के पद पर तैनात हुए उनकी सोच की सराहना प्रदेश में बैठे सरकार चला रहे मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी की क्योंकि वह अपने मजबूत मनोबल और इरादों के दम पर जिला कारागार को व्यवस्थित तरीके से सुधार की तरफ लेकर जा रहे है, जिससे उनके बुलन्द इरादों की बानगी बंदियों के साथ आम जनमानस जो अपने सगे सम्बंधियों से मिलने कारागार में जाते है दिखाई देने लगी हैं।
इतना ही नही उन्होंने कारागार के अंदर का सौंदर्यकरण कराने के बाद अब मेन गेट पर लटक रहे बिजली के केबिल को हटाकर सही तरीके से लगवाने के लिए जिले के नगर विधुत अधिशासी अभियन्ता को पत्र लिखकर हटाने के निर्देश दिए जिससे जल्द ही कारागार गेट का सौंदर्यकरन कराया जा सके, कारागार में बंद केदियो को भी बदल रही व्यवस्था को लेकर जिज्ञासा बन गई हैं वह भी अब जिलाकरागार में लूडो व अन्य खेल ना खेलकर आध्यत्मिक पुस्तको की ओर अपना रुझान  बढ़ा रहे है, जिससे जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा की योजना परवान चढ़ने लगी हैं।
कुछ दिन पूर्व कारागार में किसी बन्दी से मिलने पहुँचे सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गौरव स्वरूप जैल के अंदर का दृश्य देखकर आश्चर्यकित हो गए और उन्होंने जेल अधीक्षक से मुलाकात कर यहाँ बन रही लाइब्रेरी में हर सम्भव मदद के साथ सभी तरह की पुस्तकें देने का आश्वाशन दिया हैं वही सन्त शिरोमणि अवधेशानंद गिरी ने भी लाइब्रेरी के लिए अध्यात्म की सभी पुस्तकें भेंट करने को कहा हैं, जिला कारागार में लाइब्रेरी के लिए 250 पुस्तक की व्यवस्था हो चुकी हैं। यहाँ अब मिलाई के लिए आने वाले लोगो  को भी व्यवस्था में सुधार करते हुए नए नियम लागू किये जाने से बंदियों से मिलने में आ रही दिक्कतों में भी कमी देखने को मिल रही हैं।
जिला कारागार का वही स्टाफ अब पूरी सतर्कता के साथ अपनी डुयूटी को अंजाम दे रहे है, कारागार की व्यवस्था कड़ाई से सुधर्द्ध होने से अब कारागार में प्रतिबंधित चीजो को ले जाना गुज़रे जमाने की बात हो गई जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा का रुतबा लगातार बढ़ता जा रहा जिसके चलते यहाँ मिलाई करने आने वाले लोग भी सही तरीके से  कारागार में बंद लोगो से प्रश्नता पूर्वक मिलाई कर रहे है।

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