लाइफस्टाइल

हेल्थ आईडी से पता चल सकेगा मरीज की बीमारी का इतिहास

जिले की 26 यूपीएचसी एवं 24 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हेल्थ कार्ड बनाने का काम शुरू
मेरठ।
अब मरीजों को पुरानी बीमारी के कागजात सरकारी व निजी चिकित्सालय में ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अब मरीजों के हेल्थ कार्ड बनाने का काम जिले में आरंभ हो गया है। हेल्थ कार्ड बनने से मरीज की पुरानी बीमारी व किस-किस चिकित्सक से परामर्श किया था, यह भी हेल्थ कार्ड में दर्ज होगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि अभी मरीजों के सामने यह समस्या आ रही है कि उनके पास बीमारी के पुराने पर्चे नहीं मिल पाते हैं। किस-किस चिकित्सक को उन्होंने दिखाया है, इसका भी पता नहीं चल पाता है। अब इस समस्या का समाधान हेल्थ कार्ड से निकलेगा। उन्होंने बताया जिले के 26 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 24 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में हेल्थ कार्ड का काम शुरू हो गया है। शुरूआत में 12 दिसम्बर तक 1200 कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया हेल्थ कार्ड में संबधित मरीज की पुरानी बीमारी का इतिहास दर्ज होने के साथ-साथ किस-किस चिकित्सकों को उसने दिखाया है, कौन-कौन सी दवा उपचार के दौरान दी गयीं, यह भी दर्ज किया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि अगर कोई बीमारी व्यक्ति जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज के अलावा किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएसची) पर पहुंचता है तो हेल्थ कार्ड के माध्यम से उसकी बीमारी का इतिहास पता चल जाएगा और उसके उपचार में सहूलियत होगी। उन्होंने बताया यह कार्ड पूरी तरह निशुल्क बनाया जा रहा है। भविष्य में डिजिटल इंडिया मिशन के तहत अनेक योजनाओं में कार्ड होने का लाभ मिलेगा। पहला हेल्थ कार्ड योगेश कुमार शर्मा का बनाया गया है।
कार्ड बनवाने के लिये देने होंगे यह प्रपत्र
हेल्थ कार्ड बनवाने के लिये संबंधित व्यक्ति को अपना आधार कार्ड, फोटो, या वोटर आई देनी होगी। कार्ड पर उसका नाम, लिंग, जन्म तिथि व आईडी नम्बर दर्ज होगा।

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