दीक्षांत समारोह में 75 फीसदी मेडल पर रहा छात्राओं का कब्जा

–कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की राजनीति को निशाने पर रखा
-चौधरी चरण सिंह विवि में आयोजित हुआ 43वां दीक्षांत समारोह
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह में छात्राओं का जलवा रहा। 48 गोल्ड मेडल में से मात्र तीन मेडल की छात्रों को मिले, 45 मेडल छात्राओं को प्रदान किए गए। 206 मेधावियों को स्वर्ण पदक और प्रशस्ति पत्र दिए गए। 75 फीसदी मेडल पर छात्राओं का कब्जा रहा। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीक्षा समारोह में पदक पाने वाली छात्राओं की संख्या अधिक होने पर खुशी जाहिर की, कहा कि नारी शक्ति आगे बढ़ रही हैं। छात्र-छात्राओं के बीच मेडल पाने में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, लेकिन छात्र तो पीछे रह गए। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वह छात्रों को भी प्रोत्साहित करें कि वह पढ़ाई करें और एक स्वस्थ वातावरण में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बहुत से युवा राजनीति में आना चाहते हैं लेकिन, वहां भी उन्हें पढ़ाई करना ही होगा।
दीक्षा समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमें समस्याओं को देखकर आंख नहीं बंद करना चाहिए। बल्कि उनका समाधान तलाशना चाहिए। अगर हम समाधान देखेंगे तभी नवाचार कर पाएंगे। कहा कि कोरोना का हाल में डिजिटल लाइब्रेरी में 78 हजार कंटेंट अपलोड किए गए। जिसमें विश्वविद्यालय अग्रणी रहा। प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय और कॉलेजों के माध्यम से ऐसा बदलाव करना चाह रही है। जिससे बच्चे पढ़ते-पढ़ते रोजगार प्राप्त कर सकें, इसके लिए संस्थानों का अलग-अलग उद्योगों से करार भी किया गया है। विश्वविद्यालय के कॉलेजों कि जो पहले मांग थी प्रोफेसर पद की उसे पूरा किया गया। साथ ही यूजी के शिक्षक भी शोध करा सकेंगे, ऐसी व्यवस्था की गई है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि दीक्षा समारोह में 48 मेडल में केवल तीन छात्रों ने प्राप्त किए हैं। बाकी छात्राओं के नाम हैं। बेटी पढ़े आगे बढ़े के तहत यह हो रहा है। प्रदेश और देश में जो माहौल है। उसमें यह परिवर्तन दिख रहा है। उन्होंने कहा कि दीक्षा शिक्षा का अंत नहीं है। एक विद्यार्थी जीवन भर सीख सकता है। अच्छा शिक्षक भी वही है जो जीवन भर विद्यार्थी बना रहता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में साढ़े चार साल के दौरान 12 विश्वविद्यालय बनने की प्रक्रिया पूरी हुई, 78 महाविद्यालय और 250 इंटर कॉलेज खुले। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग की अनुमति मिली। प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद सृजित किए गए। जल्द ही विश्वविद्यालय में विभिन्न भाषा का अध्यापन शुरू होगा। नई शिक्षा नीति में उत्तर प्रदेश और खास करके चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय आगे रहा।
मोदी ने मेरठ को रेपिड रेल के जरिए दिल्ली से जोड़ा
चौधरी चरण सिंह विवि के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की राजनीति को निशाने पर रखा। कुलाधिपति ने सरयू परियोजना का उदाहरण देते हुए कहा कि 40 साल पहले यह योजना 100 करोड़ में बननी तय हुई थी, लेकिन काम नहीं हुआ। 40 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को हाथ मे लिया और 4.5 साल में पूरा किया। कुलाधिपति ने कहा अब यह परियोजना 10 हजार करोड़ में पूरी हुई। कुलाधिपति ने सवाल किया कि इस पाप का जिम्मेदार कौन है। कुलाधिपति ने कहा, मोदी ने मेरठ को रेपिड रेल कर जरिये दिल्ली से जोड़ दिया। पहले भी लोग आए और गए लेकिन, काम मोदी ने किया। कुलाधिपति ने कहा कि महाभारत सर्किट पर अब काम हो रहा है जबकि, ये सभी स्थल को पांच हजार से यहीं पर हैं लेकिन, किसी ने काम नहीं किया।
पूर्व की सरकारों ने नहीं किया कोई काम
33वें दीक्षा समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने कोई काम नहीं किया जो दिखे। अब सरकार कर रही है जो दिख भी रहा है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि मेरठ के आर्थिक महत्व को देखते हुए देश का पहला रैपिड रेल यहां से शुरू किया जा रहा है, जिससे मेरठ तरक्की की राह पर और तेजी से आगे बढ़ेगा। मेरठ खेल क्षेत्र में जिस तरह से आगे बढ़ रहा है। उसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय भी दिया है।
आईटी देश के रूप में पहचान बना रहा भारत: प्रो. नागेश
-विवि के छात्र रहे है मुख्य अतिथि, वर्ष 1981 में प्राप्त किया था स्वर्ण पदक
मेरठ। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि निदेशक एवं मुख्य अधिशासक, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान नई दिल्ली प्रोफेसर नागेश कुमार ने कहा कि वह इस विवि के छात्र रहे है और वर्ष 1981 में इसी हाल में स्वर्ण पदक प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि यह दीक्षांत समारोह भारत की आजादी के 75वें वर्ष में मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव में मनाया जा रहा है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भारत के प्रति लोगों की सोच बदली है और भारत की पहचान बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने नीदरलैंड में भी कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि भारत के बारे में पहले नकारात्मक खबरें ही आती थी। भारत की छवि एक गरीब मुल्क की थी। उन्होंने बैंकांक में कार्य के दौरान न्यूयार्क, अमेरिका का कई बार दौरा किया। कहा कि भारत की छवि बदली है तथा भारत को आईटी का देश माना जाता है। वैश्विक कंपनियों जैसे गूगल, टवीटर, एडोब आदि के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारतीय मूल के है। भारत का वित्तीय समावेश बढ़ा है। भारत में प्रधानमंत्री जनधन योजना में 40 करोड़ खाते खुले है। सभी युवाओं से कहा कि वह भारत की उपलब्धियों पर गर्व करें तथा भारत के नवनिर्माण में सहायक बने। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान शिक्षा के कारण बढ़ रही है, अब भारत गरीब देश की छवि से निकलकर आईटी देश के रूप में जाना जाता है। मुख्य अतिथि प्रो. नागेश कुमार ने कहा कि भारतवर्ष की पुरातन धरोहरों को अपने आंचल में सहेजे हुये और जिससे मेरा भी बाल्यकाल से संबंध रहा है, ऐसी बहुविख्यात मेरठ नगरी में स्थित सामाजिक परिवर्तनकर्ता भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर स्थापित इस विवि के 33वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। प्राचीन काल से ही इस क्षेत्र ने राष्ट्र की सुरक्षा और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है और आज भी यह क्षेत्र उसी के अनुरूप कार्य करने में सतत गतिशील है। इस क्षेत्र की समृद्धि इसकी परिचायक है।
उपलब्धि: नौ माह में ही कर दिया दूसरा दीक्षांत समारोह
कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने विवि की प्रगति आख्या रखी। उन्होंने अतिथियो का जीवन परिचय बताया। कहा कि गत 09 मार्च 2021 को 32वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ तथा 09 माह बाद ही विवि का 33वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने कुलाधिपति राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
विवि के कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने बताया कि विवि 222 एकड़ भूक्षेत्र में विकसित है। विवि में नवाचारी कार्यक्रमों के अंतर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कार्यरत है। विवि प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान है, जो कि सौर ऊर्जा से विद्युत का उत्पादन करता है। उन्होंने कुलाधिपति/राज्यपाल व मुख्य अतिथि के जीवन वृत्त पर भी प्रकाश डाला।
तृप्ति गोयल को प्रदान किया 8000 रुपए पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह
कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने बताया कि वर्ष 2021 का कुलाधिपति स्वर्ण पदक इंटीग्रेटेड एमटेक बायो टेक्नोलोजी एंड बायो केमिकल इंजीनियरिंग की महक सरन व डा. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक एमएससी एजी. प्लांट पैथोलोजी की सीमा देबबर्मा को दिया गया। किसान ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित पुरस्कारों में चौधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार में बीएससी कृषि में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली तृप्ति गोयल को 8000 रुपए पुरस्कार प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह तथा बीएससी कृषि में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले सिद्धांत तोमर को 6000 रुपए पुरस्कार प्रषस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किए गये।