साथी सुन वो कविता है….
World Poetry day पर विशेष
आराध्य को देवत्व दिला दे
साधक को ही साध्य बना दे
सुंदर सरस सुख की सरिता है…
साथी सुन वो ही कविता है…
पत्थर को भी जो पिघला दे
घावों पर शीतल लेप लगा दे
प्यासे मन को तृप्ति दिला दें
अवसादों को क्षण में मिटा दे
साथी सुन…
देश काल के दंश मिटा दे
जाति पांति के द्वेष मिटा दे
ऊंच-नीच का भेद मिटा दे
सब संताप औ खेद मिटा दे
साथी सुन…
भावों को आधार दिला दें
सपनो को आकार दिला दें
आशाओं का संसार सजा दे
बियाबान में राह दिखा दे
साथी सुन…..
ममत्व की रसधार बहा दें
संरक्षण की छांव दिला दें
आहत मन को जो बहला दे
रिसते जख्मों को सहला दे
साथी सुन …
सुप्त नसों मे प्राण जगा दे
लुप्त हुई स्मृतियां ला दे
गुप्त गौरव का भान करा दे
खंडहरों में श्वांस जगा दे
साथी सुन…
नीरस मन में प्रीत जगा दे
सूनी सांसों मे संगीत जगा दे
अरसे से रूठी नींद बुला दे
रूठा जो मनमीत मना दे
साथी सुन….
कलुषित भावों को दूर भगा दे
हर मन में रब का नूर जगा दे
जीवन का सारा तिमिर भगा दे
साधक को अपने अमर बना दे
साथी सुन….
पाषाणों में भी पीर जगा दे
नैनों में नेह का नीर बहा दे
व्यथित हृदय में धीर जगा दे
औ चंचल को गंभीर बना दे
साथी सुन….
कानन को भी उपवन कर दे
शून्य में भी जीवन भर दे
शूलों को भी सुमन ये कर दे
पतझड़ में भी चितवन भर दे
साथी सुन….
सोनिया सिंह
उतर प्रदेश बांदा
क्यों मनाया जाता है विश्व कविता दिवस :-
कवियों को सम्मानित करने और काव्य पाठ की परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए हर साल 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को के अनुसार, यह दिन मानवता की सांस्कृतिक और भाषाई अभिव्यक्ति और पहचान के सबसे मूल्यवान रूपों में से एक का जश्न मनाता है। इस दिन का उद्देश्य कविता के माध्यम से भाषाई विविधता का समर्थन करना और लुप्तप्राय भाषाओं को सुनने के अवसर को बढ़ाना है।