बड़ी बड़ी रैलियों का रिजल्ट आ गया है..तीसरी लहर : अनस बघरा

भारत में ओमिक्रोन के रूप में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है और पांच राज्यो में चुनाव भी है जिसमे जीत हार को लेकर चुनावी ज़ोर आज़माइश चल रही है इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना पॉज़िटिव हो गये तो अब हर रोज़ सवा लाख मरीज कोरोना संक्रमण की चपेट में है। बड़ी बड़ी रैलियों का नतीजा आ रहा है। लोग हलकान हो रहे है।
बात अगर केजरीवाल की करे तो बता दे कि अभी कुछ दिन पहले इन्होंने लखनऊ में एक बड़ी जनसभा को सम्बोधित किया था। इनके अलावा भी अन्य पार्टी के नेता भी सब नियम ताक पर रखकर जनता के स्वास्थ्य सरोकार से खिलवाड़ कर रहे हैं।
गरीब जनता ही रैलियों में जाती है और पिछले दो साल के कोरोना काल मे गरीबो पर बेरोजगारी की मार पड़ने के साथ साथ गरीब को न तो घर पहुँचने के लिये सुविधा मिली और न ही उनके परिजनों का सही विधिविधान से अंतिम संस्कार हो पाया और इलाज और ऑक्सीजन के लिए इधर उधर भटकना पड़ा।इसलिए अविलम्ब रूप से इस चुनावी ड्रामे पर रोक लगनी चाहिए। और जो नेता आपके पास रैली में चलने की बात बताने आये उसे आप अपने घर से चलता कर दे क्योकि रैली किसी भी नेता पार्टी की हो उसमे जनता के संसाधनों का ही दुरूपयोग होता है।
सब अक्ल रखते हैं और मीडिया सोशल तक अब लगभग हर व्यक्ति की पहुँच हो गयी है।जिसे जहाँ वोट देनी है वो अपनी मर्ज़ी से दे देगा और रैलियों के साथ अन्य चुनावी खर्च कम होने से धनबल द्वारा चुनाव प्रभावित नही होगा भृष्टाचार कम होगा। आउटसोर्सिंग से चंदा कम लेना पड़ेगा। जिससे चुनावी राज्यो में भविष्य में बनने वाली सरकारे जन कल्याण की भावना के साथ बिना दबाव के काम करेगी।
अनस बघरा
सामाजिक कार्यकर्ता