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कपिलदेव ने रचा इतिहास, भाजपा और खुद की लगाईं हैट्रिक

– मुज़फ़्फ़रनगर सीट पर कपिल देव ने तीसरी जीत के साथ की चितरंजन स्वरूप की बराबरी
-कांग्रेस से द्धारका प्रसाद और भाजपा से सुरेश संगल ने लगातार दो बार की जीत दर्ज
-सहारनपुर मंडल में दो मंत्री हैट्रिक लगाने से चुके, कैराना मे नाहिद हसन की जेल से हैट्रिक
मुजफ्फरनगर। जनपद के साथ सहारनपुर मंडल में चार नेता ऐसे थे, जिनके लिए यह चुनाव एक रिकार्ड का अवसर बनकर आया। शहर में से दो नेताओं ने ही किस्मत कनेक्शन का जोर दिखाकर यह रिकार्ड हासिल करने में सफलता पाई है, जबकि दो मंत्री इस रिकार्ड के अवसर से चूक गये। तीसरी जीत से भगवा सियासत के नए अलंबरदार बनकर उभरे राज्यमंत्री कपिल देव ने खुद को एक माहिर सियासतदां साबित करने का काम किया है। जबकि कैराना सीट से नाहिद हसन ने जेल से जीतकर ही हैट्रिक लगाकर अपने विरोधियों को चौकाया है।
मुजफ्फर नगर सदर सीट से भाजपा प्रत्याशी व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने लगातार तीसरी जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने के साथ ही शहर सीट पर खुद को पहले नम्बर पर लाकर खड़ा कर दिया है। वह पहले ऐसे नेता है, जो इस सीट पर हैट्रिक लगाने में सफल रहे हैं। सहारनपुर मंडल के तीन मंत्रियों सुरेश राणा, धर्म सिंह सैनी और कपिल देव अग्रवाल के साथ ही नाहिद हसन के लिए यह चुनाव हैट्रिक का अवसर लेकर आया था। लेकिन इनमें से राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव और कैराना से नाहिद हसन ही हैट्रिक लगाने में सफल रहे। लगातार तीसरी जीत के साथ ही मुजफ्फरनगर सदर सीट से भाजपा प्रत्याशी कपिल देव अग्रवाल पश्चिम यूपी की भगवा सियासत के नए अलंबरदार बनकर उभरे हैं। हांलाकि मंडल के दो मंत्री हार के साथ ही जीत की हैट्रिक करने से चूक गए। कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा तो सियासी ऊंचाई से फिसले जबकि धर्म सिंह सैनी पाला बदलकर भी हारे। कैराना सीट से सपा उम्मीदवार रहे नाहिद हसन ने जेल से हैट्रिक का खाड़ा जीत लिया। मुकद्दर का सिकंदर माने जाने वाले मुजफ्फरनगर सदर सीट से भाजपा प्रत्याशी व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने लगातार तीसरी जीत हासिल कर हैट्रिक लगा दी है।
भाजपा के टिकट पर 2002 में सदर सीट से विधानसभा का अपना पहला चुनाव सपा के चितरंजन स्वरूप से हारने वाले कपिल देव ने 2016 में उनके निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा। 2017 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने सदर सीट से कपिल देव अग्रवाल पर ही भरोसा जताया और उन्होंने स्व. चितरंजन स्वरूप के पुत्र तथा तत्कालीन सपा प्रत्याशी गौरव स्वरूप को 10704 मतों से हराकर लगातार दूसरी जीत हासिल की उन्हें योगी आदित्यानाथ सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। 2022 में भी भाजपा ने कपिल देव अग्रवाल को ही मौका दिया। कपिल देव ने रालोद प्रत्याशी सौरभ स्वरूप बंटी को 18 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराकर यह सीट तीसरी बार भी जीत ली। इसके साथ ही कपिल देव सदर सीट पर हैट्रिक लगाने वाले पहले राजनेता भी बने। किसी नेता की यह पहली हैट्रिक है तो यहां पर भाजपा तीसरी हैट्रिक लगाने में सफल रही है।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव में साल 1991 में नरेश बालियान की जीत के बाद लगातार तीन चुनाव जीते। 1996 और 1998 में सोहनवीर सांसद बने थे। विधानसभा चुनाव में 1991 और 1993 में सुरेश संगल ने लगातार दो बार चुनाव जीता था, लेकिन वह हैट्रिक लगाने में सफल नहीं हो पाये, क्योंकि 1996 के चुनाव में भाजपा ने यहां पर टिकट बदला और सुशीला अग्रवाल जीती थीं। अब कपिल देव की तीन जीत के साथ भाजपा की विधानसभा में दूसरी हैट्रिक लगी है।
मौजूदा चुनाव में योगी सरकार में गन्ना मंत्री तथा जिला शामली की थानाभवन सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेश राणा की हैट्रिक दांव पर लगी थी। उन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव शामली जनपद की थानाभवन सीट पर बसपा प्रत्याशी अब्दुल वारिस राव को हराकर जीता था। उनकी जीत का अंतर 16817 मत रहा था। जीत के बाद सुरेश राणा को राज्यमंत्री बनाया गया था, जिसके बाद दर्जा बढाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इससे पूर्व सुरेश राणा ने थानाभवन सीट से 2012 में भी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था। उक्त चुनाव में उनका मुकाबला रालोद प्रत्याशी अशरफ अली खां से हुआ था। जो बेहद कांटे का रहा था। सुरेश राणा ने अशरफ अली खां को मात्र 265 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। 2022 चुनाव में भी सुरेश राणा का मुकाबला रालोद प्रत्याशी अशरफ अली खां से हुआ। लेकिन गन्ना मंत्री सुरेश राणा अशरफ से तो हारे ही हैट्रिक से भी चूक गए।
सहारनपुर की नकुड सीट से अपनी सियासी हैट्रिक के लिए पूर्व मंत्री 1ध्4 सिंह सैनी मैदान में उतरे थे। संयोग ही था कि उलटफेर और दलबदल में माहिर धर्म सिंह सैनी नकुड सीट पर तीनों चुनाव अलग अलग पाटह्न से लड़े। साल 2012 में सरसावा सीट परिसीमन में खत्म होने के बाद धर्म सिंह सैनी ने मुस्लिम बाहुल्य नकुड सीट का रुख किया। उन्होंने बसपा के टिकट पर यह चुनाव लड़ा और सपा की लहर वाले इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को पराजित किया। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ और धर्म सिंह सैनी 4330 वोटों के छोटे अंतर से चुनाव जीते। 2017 का चुनाव आते आते धर्म सिंह सैनी ने भाजपा ज्वाइन कर ली। नकुड से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडे और धर्म सिंह जीते भी उन्होंने फिर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को हराया। धर्म सिंह 4057 वोटों से जीते और योगी सरकार में मंत्री बने। इस बार धर्म सिंह सेनी ने पाला बदलकर सपा से नकुड़ सीट से चुनाव लड़ा था। लेकिन वह चुनाव हारकर हैट्रिक से चूक गए। सूबे की योगी सरकार में मंत्री रहे सहारनपुर मंडल के तीनों सियासी धनुर्धरों के अलावा विपक्ष के एकमात्र एकलव्य शामली जनपद की कैराना सीट से सपा के नाहिद हसन के लिए भी जीत की हैट्रिक दांव पर लगी थी। नाहिद इससे पहले अपने दो विधानसभा चुनाव लगातार जीत चुके थे। 2012 में कैराना से विधानसभा चुनाव हारने के बाद लोकसभा चुनाव 2014 में हुकुम सिंह की जीत से खाली हुई सीट पर हुए उप चुनाव में नाहिद हसन ने सपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। उन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार रहते जीत दर्ज कराई। 2022 चुनाव में भी सपा ने नाहिद हसन पर ही विश्वास जताया। नाहिद ने जेल में रहते चुनाव लड़ा। जेल से ही चुनाव लड़कर नाहिद ने जीत की हैट्रिक की।