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MLC चुनाव:- बसपा की गैर मौजूदगी के चलते सपा की राह हुई कंटीली

मुज़फ़्फ़रनगर। विधान परिषद की सहारनपुर-मुज़फ़्फ़रनगर विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी इस बार नहीं होगा, क्योंकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूरे प्रदेश में विधान परिषद चुनाव में कोई प्रत्याशी न खड़ा करने का एलान किया था। बता दे की यह सीट अभी तक बसपा के पास थी। बसपा के महमूद अली वर्ष 2016 में इस सीट से भारी मतों से विजयी होकर विधान परिषद पहुंचे थे। इस बार समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले अपना प्रत्याशी आरिफ जौला को घोषित किया है। 2016 में सपा ने इस सीट से शाहनवाज राणा को प्रत्याशी बनाया था। मगर किन्ही कारणों के चलते ऐन मौके पर उनके मैदान से हट जाने की वजह से यहाँ गौरव जैन चुनाव लड़े थे। मंडल में विस् चुनाव में सपा को अप्रत्याशित सफलता मिली है इससे सपा उत्साहित है। मगर सत्ता के सामने सपा प्रत्याशी कितना टिक पाएंगे यह कहा नही जा सकता।

विधानसभा चुनाव 2022 के तुरंत बाद राजनीतिक दलों में विधान परिषद सीट के लिए जद्दोजहद शुरू हो गई है। 15 मार्च को नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। लेकिन, अभी तक किसी भी पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए है। सहारनपुर-मुजफ्फरनगर और शामली के 5113 निर्वाचित प्रतिनिधि वोट डालेंगे। नामांकन की अंतिम तिथि 19 मार्च है।
सहारनपुर मंडल में 5113 निर्वाचित प्रतिनिधि वोट डालकर MLC चुनेंगे। जिसमें सहारनपुर के 2406, मुजफ्फरनगर के 1833 व शामली के 874 निर्वाचित प्रतिनिधि है। एमएलसी चुनाव में सांसद, विधायक, जिला पंचायत सदस्य, महापौर, पार्षद, सभासद, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य मतदान करते हैं। हालांकि किसी भी पार्टी ने अभी तक कोई भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।

सहारनपुर के जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अखिलेश सिंह का कहना है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सहारनपुर एवं मुजफ्फरनगर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन के अनुसार निर्वाचन के लिए 15 मार्च से नामांकन दोबारा शुरू किया गया है। बता दें कि साल 2016 में हुए चुनाव में विधान परिषद की इस सीट से बसपा के महमूद अली एमएलसी बने थे। इससे पहले भी यह सीट महमूद अली के परिवार से जुड़े बसपा नेता के पास थी। 12 वर्ष पहले कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाया था।

आरिफ 2017 में बसपा प्रत्याशी हुए थे घोषित:-

बुढाना विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले गांव जौला निवासी मो. आरिफ काफी दिनों से राजनीतिक अठखेलियां कर रहे हैं। 2017 में आरिफ को बसपा अध्यक्ष ने बुढाना से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया था। लेकिन उनके बाद मो. नईम मलिक के नाम की घोषणा की गई। जिसके उपरांत नईम पर आरिफ के अपहरण का आरोप भी लगा था। हांलाकि बाद में नईम मलिक को भी प्रत्याशी नहीं बनाया गया था और पूर्व सांसद कादिर राणा की पत्नी सईदा बेगम बुढाना से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थी।

किसान आंदोलन के दौरान आए थे चर्चा में आरिफ

किसान आंदोलन के दौरान गाजीपुर बार्डर पर चले धरने पर जौला से किसानों को ले जाने की खबर पर आरिफ हाल में ही सुर्खियों में आए थे। कभी किसान मसीहा महेन्द्र सिंह टिकैत के सिपहसालार माने जाने वाले गुलाम मोहम्मद जौला के साथ मो. आरिफ ने किसान आंदोलन में काम किया था। वह जौला से किसानों को गाजीपुर बार्डर भी ले जाते रहे। गाजीपुर बार्डर पर चौ. राकेश टिकैत के नेतृत्व में चले आंदोलन के दौरान मो. आरिफ जौला काफी चर्चित रहे।

बसपा के महमूद जीते थे गत चुनाव

6 वर्ष पहले सहारनपुर मंडल की एमएलसी सीट के लिए सपा ने शाहनवाज राणा को पार्टी प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी। लेकिन एन वक्त पर उनके बीमार होकर अपोलो में भर्ती होने के चलते इस सीट पर सपा युवजन सभा जिलाध्यक्ष रहे गौरव जैन को प्रत्याशी घोषित किया गया था। हांलाकि इस सीट पर वर्ष 2016 में महमूद अली निर्वाचित हुए थे। उस समय 3841 मतदाताओं ने वोट डाले थे। इनमें से निर्वाचित हुए बसपा के महमूद अली को 2777 वोट मिले थे। सपा प्रत्याशी गौरव जैन को 436, एसएस वर्मा को 581, मोहम्मद आरिफ को 19, कल्याण सिंह को सात, सुशील कुमार को 16 मत प्राप्त हुए थे।

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