ओबीसी की जाति आधारित गिनती नहीं कराने के विरोध में किया प्रदर्शन

मेरठ। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी मोर्चा) ने मंगलवार को जाति आधारित जनगणना कराने, किसान विरोधी बने तीन काले कृषि कानून वापस लेने, ईवीएम के साथ लगी पेपर ट्रेल मशीन से निकलने वाली पर्चियों का 100% मिलान करने, बैलेट पेपर से चुनाव कराने एवं अन्य मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में आरडी गादरे ने कहा, देश में भाजपा की सरकार है, प्रधानमंत्री ओबीसी है, लेकिन प्रधानमंत्री ने ओबीसी की जाति आधारित गिनती नहीं होगी ऐसा हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया। प्रधानमंत्री प्रतिदिन विकास की बात करते हैं मगर, विकास करने के लिए ओबीसी के आंकड़े इकट्ठा करना जरूरी है इसके बावजूद भी ओबीसी के आंकड़े इकट्ठे नहीं किये। उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल को हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम मशीन के साथ पेपर मशीन लगाने का केस जीता था, उसके विरोध में सरकार ने सडयंत्र पूर्वक ईवीएम मशीन से निकलने वाले कागजी पत्रों का मिलान करने का केस गलत तरीके से जीता। उन्होंने बताया कि सरकार एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण के विरोध में है। कहा कि लंबा संघर्ष करने के बाद किसान तीन काले कानून वापस लेने में कामयाब हो गए। श्री गादरे ने चेतावनी दी कि मांगे पूरी ना होने पर आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर कारी मोहम्मद इरफान, सुनील सैनी, योगेश सैनी, अतर सिंह गुप्ता एडवोकेट, शहनशाह मुमताज़, रियासत अली, राहुल आदि मौजूद रहे।