दो दिवसीय राष्ट्रीय मूट प्रतियोगिता का हुआ समापन

शोभित विश्वविद्यालय में स्कूल आफ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज विधि विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का समापन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति शिवनारायण ढींगरा एवं कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के शुभारंभ में विधि विभाग के निदेशक डॉक्टर इमरान ने समस्त अतिथिगणों का स्वागत किया। कुलपति प्रोफेसर डॉ. अजय राणा ने समापन समारोह में बोलते हुए कहा, यह हमारे लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी हम इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर से आॅनलाइन कराने में सफल रहे, उन्होंने आयोजक मंडल को बधाई दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम से छात्रों को सीखने को बहुत कुछ मिलता है। पूर्व न्यायमूर्ति शिवनारायण ढींगरा ने अपने भाषण में बोलते हुए कहा, हम आज भी जजों को माय लॉर्ड बोलते हैं, वास्तव में यह ऐसा शब्द है जो कि हाउस आॅफ लॉर्ड्स इंग्लैंड से उदित हुआ है, क्योंकि हाउस आॅफ लॉर्ड से जो न्यायधीश आते थे, उनको वहां के वकील माय लॉर्ड कहकर पुकारते थे। शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने अपने अध्यक्षीय भाषण में छात्रों से कहा, मूट कोर्ट प्रतियोगिता छात्रों कौशल को बढ़ाने में कारगर है तथा छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु आवश्यक है। उन्होंने अपने अध्यक्ष भाषण के दौरान कहा, उच्च शिक्षा का महत्व केवल निजी विकास नहीं है बल्कि, उच्च शिक्षा को सामाजिक बदलाव में उपयोग करने की जरूरत है, जब भिन्न-भिन्न बैकग्राउंड के छात्र एक साथ बैठकर पढ़ते हैं तब वह जातिभेद लिंग भेद एवं क्षेत्रवाद और धार्मिक भावनाओं से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण एवं देश प्रेम की भावना से काम करते हैं उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विधि विश्वविद्यालय तथा विधि कॉलेजों को आगे आकर छात्रों में इस भावना का विकास करना होगा
कार्यक्रम की संयोजिका महक बत्रा ने बताया कि शोभित यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी दिल्ली के आर्ची अग्रवाल शोभित शौकीन व मुदित जोहर ने प्रथम स्थान प्राप्त कर विनर ट्रॉफी एवं 51000 नगद पुरस्कार राशि प्राप्ति की। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम की संयोजिका महक बत्रा एवं उनकी टीम नेहा भारती, मोहम्मद आमिर एवं शुभम शर्मा, अध्यापकगणों में पल्लवी जैन, जतिका कथूरिया, श्वेता, डॉ कुलदीप कुमार, पवन कुमार, डॉ परंताप कुमार दास का विशेष सहयोग रहा। छात्र संयोजक मंडल से अदिति भारद्वाज, सुबोध कुमार, इशिता चौहान, उत्कर्ष गुप्ता, मानवी, वंशिका गोयल, सोहम पांचाल, शुभेंदु, प्रकाश नीरज आदि का विशेष योगदान रहा।