दलित को जाति सूचक शब्द कहने पर चार साल की कैद

-विशेष एससी एसटी कोर्ट का फैसला, दोषी पर छः हजार रुपए अर्थदंड
मुजफ्फरनगर। दुकानदार को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग कर मारपीट करने तथा विरोध करने पर फावड़े से हमला कर घायल करने के मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को चार वर्ष कैद की सजा सुनाई है। दोषी पर कोर्ट ने छः हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह व एडीजीसी सहदेव सिंह ने बताया कि थाना भोपा क्षेत्र के गांव रहमतपुर में 8 वर्ष पूर्व अनुसूचित जाति के व्यक्ति से मारपीट की गई थी। उन्होंने बताया कि रहमतपुर निवासी सागर कुमार पुत्र सुशील ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि 19 अक्टूबर 2014 को वह अपने घर में ही बनाई गई परचून की दुकान में सामान बेंच रहा था। आरोप था कि सायं करीब 5.30 बजे गांव का ही टीटू आया और उससे जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए बीड़ी मंडल देने को कहा। बताया कि जब उसने इस तरह के शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति की तो आरोपी घर से एक फावड़ा उठा लाया। सागर का आरोप था कि टीटू ने फावड़े से वार कर उसे गंभीर घायल कर दिया था। इसके साथ उससे जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करते हुए मारपीट की गई। विशेष लोक अभियोजक यशपाल सिंह ने बताया कि थाना भोपा पुलिस ने घटना का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने विवेचना पूर्ण कर आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी थी। उन्होंने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष एससी-एसटी कोर्ट के जज जमशेद अली ने की। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी टीटू को दोषी ठहराया। जिसके बाद टीटू को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में दोषी ठहराते हुए चार वर्ष कैद की सजा सुनाई। टीटू को मारपीअ का भी दोषी ठहराया गया। सभी मामलों में टीटू पर कोर्ट ने 6 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।