पकवानों की खुशबू से महका माह-ए-रमजान

-इफ्तार से सहरी तक खुलने लगे महानगर के होटल
-रमजान और नवरात्र एक साथ होने से बाजार हुए गुलजार
लियाकत मंसूरी
मेरठ। माह-ए-मुकद्दस रमजान की आमद होते ही इबादत का सिलसिला शुरू हो गया। वक्त के साथ-साथ रमजान में इबादत का रंग भी सुर्ख होता जाएगा। मस्जिदों में सबीना व तरावीहों का दौर शुरू होते ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में देर रात तक बाजारों में रोनक होने लगी हैं।
इफ्तार के बाद सहरी तक होटल, ढाबे व खान-पान की दुकानें खुलने लगी हैं। रमजान के इस मुबारक महीने में इस बार मोमीनों द्वारा खास तौर पर मुगलई खानों को पसंद किया जाता हैं। रमजान में मोमीन अल्लाह की इबादत में पूरी तरह मशगूल होने लगे हैं। सुबह सहरी के बाद दिन भर रोजा रखकर नमाज की पुरजोर पाबंदी की जा रही हैं। इन सबसे अलग हटकर रमजान के इस महीने में इफ्तारी के वक्त मुस्लिम समाज के लोग लजीज खानों का लुत्फ उठा रहे हैं। खजूर, आम, केला आदि फलों के साथ-साथ नहारी कबाब, हलीम, कोरमा भी पसंद किया जा रहा हैं। लिसाड़ी रोड, अहमद रोड, कांच का पुल, श्याम नगर, जैदी फार्म, जाकिर कॉलोनी, ढवाई नगर, लालकुर्ती समेत तमाम क्षेत्रों में नहारी, पाए, कबाब के ठैले सज गए हैं। होटल संचालकों के मुताबिक इस बार बिरयानी बादशाह, कीमा मटर, सीक कबाब, चिकन कोरमा, काजू आलू, शाही रोगन जोश, मुग मसाला, सामी कबाब, चिकन पुलाव आदि इफ्तार के वक्त खाने में इस्तेमाल किए जाएंगे।
दो साल बाद दिखी रमजान की रौनक
गौरतलब है कि मार्च 2020 में कोरोना की दस्तक के बाद सब कुछ बंद हो गया था। मस्जिदों पर ताले लग गए थे। लोगों ने घरों में रमजान रखे थे और ईद भी घर में रहकर मनाई थी। अप्रेल 2021 में फिर से कोरोना की दूसरी लहर आयी तो रमजान फिर से रोजेदारों ने घर में रहकर पूरे किए। ईद भी कोरोना की पाबंदियों के साथ घर पर रहकर ही मनाई गयी थी, लेकिन 2022 में कोरोना लगभग खत्म हो चुका है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग की माने तो अभी कोरोना गया नहीं है और हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
नवरात्र और रमजान साथ-साथ:-
ऐसा कम ही देखने में आता है जब नवरात्र और रमजान साथ-साथ हो। हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग साथ-साथ भूखे और प्यासे रहकर ईश्वर की इबादत कर रहे हैं। एक तरफ मस्जिदें रोजेदारों से आबाद है तो दूसरी ओर मंदिरों में वृत रखने वाले श्रद्धालुओं से चहल पहल है। वृत और रमजान की एक साथ आमद होने के कारण बाजार भी गुलजार है, इससे फलों के साथ-साथ अन्य सामानों पर महंगाई बढ़ गई है।