धर्म
शिवभक्त कांवड़ियों के घावों पर मरहम लगा रही है खाकी

मुजफ्फरनगर में पुलिस शिव भक्त कांवड़ियों की सेवा में उतर आई है। जिले की पुलिस शिवभक्त कांवड़ियों की सुरक्षा और सेवा दोनों मे जुटी है। पुरकाजी से लेकर मुजफ्फरनगर तक कांवड़ियों के भोजन और दूसरी सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है। पुरकाजी चेयरमैन ने महिला कांवड़ियों के लिए अलग से स्नानघर की व्यवस्था कराई है, जबकि मुजफ्फरनगर चेयरपर्सन ने सेवा शिविर लगवाकर 10 लाख से खाने और नाश्ते का इंतजाम किया है। प्रवेश से लेकर जिले के अंतिम छोर तक खाना और नाश्ता चल रहा है। हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लाकर हरियाणा की और बढने वाले कांवड़ियों का सत्कार तितावी थाना पुलिस कर रही है। थाने के समीप बाकायदा शिविर लगाकर भोलों के पैर के छालों पर मरहम लगाया जा रहा है। थाना प्रभारी मुकेश सोलंकी सहित बारी-बारी से अन्य पुलिस कर्मी भोलों की सेवा कर धर्म लाभ उठा रहे हैं।
मुजफ्फरनगर धीरे-धीरे शिवमय होता जा रहा है। हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लेकर आ रहे कांवड़ यात्रियों की सेवा का नगर पालिका परिषद चेयरपर्सन अंजु अग्रवाल ने विशेष ख्याल रखा है। इसके मद्देनजर रुड़की रोड़ पर सेवा शिविर लगाया गया है। जहां तीनों टाइम श्रद्धालुओं के चाय, नाश्ते तथा खाने की व्यवस्था की गई है। पालिका चेयरपर्सन अंजु अग्रवाल कहती हैं कि भोलो की सेवा ही भोलेनाथ की सेवा है। नगर पंचायत पुरकाजी चेयरमैन जहीर फारूकी ने महिला कांवड़ियों को खास सौगात दी है। 7 दिन के भीतर उन्होने पुरकाजी में महिलाओं के लिए सात स्नानघर तैयार कराए हैं। उनका कहना है कि पुरुष कांवड़ यात्री तो कहीं भी स्नान कर सकते हैं, लेकिन महिला कांवड़ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रख उन्होंने 7 स्नान घर तैयार कराए हैं। एसएसपी विनीत जायसवाल कांवड़ यात्रा के मद्देनजर काफी गंभीर हैं। सुरक्षा तथा सेवा के साथ ही एसएसपी कांवड़ यात्रियों के स्वागत का भी खास ख्याल रख रहे हैं। जनपद में प्रवेश करने वाले कांवड़ यात्रियों को उन्होंने वायस मैसेज जारी किया है। जिसमें उन्होंने व्यवस्था बनाने में उनका सहयोग भी मांगा है। इसके साथ ही एसएसपी किसी भी समस्या से पुलिस कर्मियों को अवगत कराने का अनुरोध कर रहे हैं। कांवड़ सेवा शिविरों का नजारा बिल्कुल अलग है। श्रद्धालु कांवड़ियों को खाने में आलू-पूरी और सब्जी के साथ चाय और मट्ठी दी जा रही है। जबकि नाश्ते में दूध-जलेबी और बालूशाही भी परोसी जा रही है। कांवड़िया अलग-अलग व्यंजन का स्वाद ले रहे हैं।