क्या गौ माता ने भारतीयों को कोरोना से बचाने के लिए खुद को संकट में डाला है?
कमल मित्तल
(किसान/चिंतक एवं वरिष्ठ पत्रकार)
हमारे देश में गाय जिसे हम गौ माता के रूप में मानते हैं, पूजते हैं, और कहा जाता है कि 33 करोड़ देवी देवताओं का वास गौमाता में होता है । बचपन में हमने अपने बाबा से सुना है कि पूरी पृथ्वी गौ माता के सींग पर टिकी है और जब गौ माता अपना सिर हिलाती है तो पृथ्वी पर भूकंप आ जाता है,वही गौ माता पिछले 3 माह से लिम्पी नामक बीमारी से ग्रस्त है या कहें लिम्पी बीमारी के कारण लाखों गायो की मृत्यु भारत में पिछले 3 माह में हो चुकी है और करोड़ों गौमाता इस बीमारी से ग्रसित है और जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं।
वर्ष 2020 व वर्ष 2021 में कोरोनावायरस ने तबाही मचा रखी थी, वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 बेहद खतरनाक स्थिति में था, जहां बड़ी तादाद में भारतीयों की मृत्यु कोरोना नामक वायरस के कारण हुई थी।
मानव जाति पर ऐसा संकट आया था की चारों ओर ऐसा शांत माहौल था , एक आदमी दूसरे आदमी से मिलना तो दूर उसके पास को निकलना भी पसंद नहीं कर रहा था ।अगर किसी व्यक्ति को छींक आ जाती थी और उसके कुछ दूर कोई व्यक्ति निकल रहा हो तो वह घर जाकर अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए सैनिटाइजर करता था या अन्य उपाय करता था ।बहुत सारे परिवारों में जिनके परिवार के सदस्य की मृत्यु कोराना नामक वायरस से हुई थी, उन्होंने हॉस्पिटल से अपने परिवार के सदस्य का शव लेने से भी इनकार कर दिया था और उनका अंतिम संस्कार प्रशासन व शासन की नीति के अनुसार किया जा रहा था।
वर्ष 2022 कि जब शुरुआत हुई तो लोग शंका से ग्रस्त थे कि कहीं इस बार भी कोरोना नामक वायरस हम पर हमला न बोल दे । सनातनी भारतीयों का मानना है कि अगर हमारे घर में गौ माता का वास है तो वह हमारे ऊपर आने वाले बड़े से बड़े संकट को वहअपने ऊपर ले लेती है चाहे उसकी जान क्यों न चली जाए , गौमाता हमें संकट से बचाने का कार्य करती है।लेकिन लगता है गौ माता ने इस बार हमें कोरोनावायरस से बचाने का कार्य किया है और सब अपने आप एक ऐसी बीमारी से जूझ रही है जिस के इलाज में मानव समाज और यह भी कहना जरूरी है कि गौ माता के नाम पर शासन करने वाले लोग लगभग आंख मीचे बैठे हैं और गौ माता की बीमारी की ओर से ध्यान हटाने के लिए पूरे भारत का ध्यान चीतों की तरफ लगाने का असफल प्रयास कर रहे हैं। लिंपी नामक बीमारी अपने आप में एक महामारी है ,जिसके कारण रोजाना बड़ी तादाद में गौ माता इस दुनिया से अलविदा हो रही हैं। क्या ऐसा समय भी आएगा कि जैसे आज हम चीते को विदेश से भारत की जमी पर ला कर इसे एक ऐतिहासिक क्षण बता रहे हैं , ऐसा ना हो कि पता चले कि हमें विदेशों से गौ माता भी इसी तरह लानी पड़ रही हैं।