सुमन नेगी की फ़िल्म ‘लेडी दबंग’ की शूटिंग हुई खत्म ,जल्द होगी रिलीज…

फिल्म समीक्षा:
देहाती फ़िल्म को देखकर दर्शक आपने सारे गमों और अपनों से दूर होने के एहसास को भूल जाते है।
मुज़फ्फरनगर। यूट्यूब पर हरियाणवी फिल्म यानि देहाती फ़िल्म संसार को देखने वालों की एक बहुत बड़ी तादाद है जो करोड़ों में है। पाठकों को बताते चले कि बॉलीवुड फिल्मों के मुकाबले मॉलीवुड फिल्मों में ज्यादा रुचि देखने को मिल रही हैं। शब्बो किरण प्राइवेट लि. बैनर तले बन रही फ़िल्म ‘ लेडी दबंग ‘ की शुटिंग दिल्ली , नोएडा , गाजियाबाद , बागपत , मुज़फ्फरनगर के शाहपुर क्षेत्र के गोयल में खत्म हुई।जिसके प्रोड्यूसर भूपेंद्र तितोरिया तथा डायरेक्टर विकास सैनी हैं।
फ़िल्म की कहानी भूपेंद्र तितोरिया ने अपनी कलम की स्याही से तथा राजू जांगड़ा ने म्यूजिक से सजाया।देहाती फ़िल्म संसार मे लगभग सैकड़ो से अधिक फिल्मों में अपनी कला का लोहा मनवाने वाली सुपर स्टार अभिनेत्री सुमन नेगी उर्फ शब्बो ने मुख्य किरदार में दबंग इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई।मुख्य भूमिका में सौरभ शर्मा तथा
भूपेंद्र तितोरिया ने विलन के रूप में ‘ खजुरा ‘ के नाम से क्षेत्र में ख़ौफ़ दिखाते हुए नज़र आएंगे। मीडिया की भूमिका में पत्रकार वसीम मंसूरी अपने रोल में बखूबी निभाते हुए दिखाई देंगे।
फ़िल्म में मनव्वर मंसूरी, कार्तिक शर्मा ,अक्की , अराधना कश्यप शिवानी पाल , कनु प्रिया , वेषनी खेवाल आर्य , राहुल , अक्षय खेकड़ा ,आदि कलाकारो ने अभिनय किया। मेकअप रचना ने किया है।
फ़िल्म में हँसी – मजाक , रोमास , लव स्टोरी , फाइट आदि का जबरदस्त तड़का लगा हुआ हैं।फ़िल्म अभिनेत्री शब्बो ने बताया कि फ़िल्म ‘ लेडी दबंग ‘ में समाज के प्रति एक संदेश दिया हैं। कि महिलाओं को कमजोर मत समझो , महिलाएं अगर अड़ जाए तो फिर वह पीछे नही हटती ओर नही अत्याचार बर्दाश्त करती हैं।समाज मे फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए सन्देश हैं। तथा बताया कि कलाकारों को सरकार ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में फ़िल्म इंडस्ट्री डब्लल्प की हैं। इससे रोजगार के भी अवसर खुले हैं।
तितोरिया ने बताया कि कहानी में सस्पेंसन हैं, जो कि एक छोटी बच्ची होती है। वह बड़ी दबंग होती हैं। जो कि वह बड़ी होकर वह एक पुलिस इंस्पेक्टर बनकर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाने का काम करती हैं।
पत्रकार वसीम मंसूरी ने बताया कि देश – विदेश में कार्य रह रहे परिवार, पुलिस में कार्यरत जवान, बॉर्डर पर सेवा दे रहे जवान,लडको को जब आपने घर की याद आती हैं, तो वह मॉलीवुड इंडस्ट्री की फिल्में देखकर आपने सारे गमों और अपनों से दूर होने के एहसास को भूल जाते हैं। फ़िल्म को देखने के बाद एहसास भी करते हैं तथा ऐसा महसूस होता हैं कि हम अपनों के बीच मे रहकर कार्य कर रहे हैं।