मुजफ्फरनगर में बोले गडकरी: देश में पैसे की नहीं, बल्कि ईमानदार नेताओं की कमी

एक लाख करोड़ की लागत से बनाया जा रहा दिल्ली-मुम्बई हाइवे,देश में सड़कों का बिछ रहा है जाल, हर तरफ बनाये जायेंगे हाइवे
मुजफ्फरनगर में बोले नितिन गडकरी: देश में पैसे की नहीं, बल्कि ईमानदार नेताओं की कमी@nitin_gadkari @drsanjeevbalyan #BJP #BJPSthapanaDiwas https://t.co/eWsE8X7Yj5 pic.twitter.com/C9TFrjE1oY
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) April 6, 2023
मुजफ्फरनगर:केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि देश में पैसे की कमी नहीं है, बल्कि देश में ईमानदारी से काम करने वालों की कमी है। यदि सभी अपना काम ईमानदारी से करने लगेंगे, तो देश के विकास को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा एक लाख करोड़ की लागत से दिल्ली-मुम्बई हाइवे बनाया जा रहा है, केवल दिल्ली-मुम्बई हाइवे ही नहीं, बल्कि ऐसे 32 हाइवे बनाये जा रहे हैं। यदि देश में पैसे की कमी होती, तो आज देश में सड़कों का जाल न बिछ पाता।
नितिन गड़करी गुरूवार को नुमाइश ग्राउन्ड में चल रहे पशु प्रदर्शनी एवं कृषि मेले का उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसलों के सही उपयोग को समझना होगा। कम लागत में ज्यादा फसल तैयार कैसे की जाये, यह समझकर खेती करेंगे, तो किसानों की हालत सुधरेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के गन्ने का इस्तेमाल ज्यादातर चीनी बनाने में किया जा रहा है, यदि इसका इस्तेमाल इथेनाॅल बनाने में किया जायेगा, तो किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलेगी और सरकार को महंगे दामों पर बाहर से पेट्रोल व डीजल का आयात नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह लखनऊ के गन्ना विकास सेन्टर में गया था, जहां पर पता चला कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक गन्ने का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी भी गन्ने की सात एकड़ भूमि में खेती करती हैं। इस साल एक एकड़ में 850 कुन्तल गन्ना हुआ है, जबकि उनके यहां 1100 से 1200 कुन्तल गन्ना पैदा होता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ग्लोकल राइस से इथेनाॅल बनाने की अनुमति दी है। एक टन राईस से 480 लीटर इथेनाॅल तैयार होता है। मक्का से इथेनाॅल तैयार होता है। आने वाले समय में सभी कंपनियों की गाड़ियां इथेनाॅल से चलेंगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा था कि चीनी मत बनाओ, बल्कि इथेनाॅल तैयार करो। हमारे देश में 16 लाख करोड़ रूपये पेट्रोल-डीजल के आयात पर पर खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में किसान को यदि फसल का सही दाम नहीं मिल रहा था। गरीबी, बेरोजगारी व मजबूरी में वह शहर में चल गया। हमारे देश में प्रथा थी कि कपास सस्ता पेट्रोल महेंगा था, गेहूं सस्था था ब्रेड-बिस्कुट महंगे थे, टमाटर व सन्तरा सस्ता था जूस महंगा था।
उन्होंने कहा कि टेक्नालाॅजी का जमाना है और किसानों को भी खेती में टैक्नालाॅजी का इस्तेमाल करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज उनकी सरकार के द्वारा सड़कों का जाल बिछाया गया है और चारों ओर हाइवे बनाये जा रहे हैं, ताकि आवागमन आसान हो सके। उन्होंने कहा कि वह एक लाख करोड़ का दिल्ली-मुम्बई हाइवे बना रहे हैं और इसके अलावा ऐसे 32 हाइवे बनाये जा रहे हैं, इस देश में पैसे की कमी नहीं है। ईमानदारी से देश के लिए काम करने वाले नेताओं की कमी है। मुझे काम करने का मौका मिला, कोई ठेकेदार ऐसा नहीं मिलेगा, जो बतायेगा कि ठेका लेने से पहले मंत्री जी के घर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका ठेकेदारों के लिए एक ही संदेश होता है कि काम में कमी नहीं मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस बात से आश्वस्त रहें कि देश की सड़कें अच्छी बनेगी, किसानों को स्मृद्ध बनाया जायेगा, गांव को स्मार्ट बनाया जायेगा, युवाओं के हाथों को मजबूत किया जायेगा, टैक्नालाॅजी का इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों का उत्पादन बढ़ाने तथा उनके खेती के प्रोडेक्ट को अच्छे दाम दिलाने के लिए भी काम किया जायेगा।