बेटे की गवाही पर मां को फांसी की सजा.. प्रेमी को उम्र कैद.. NRI पति को मौत की नींद सुलाया था

UP: शाहजहांपुर में कोर्ट ने सात सालों के बाद एनआरआई हत्याकांड में फांसी की सजा का ऐलान किया है। शाहजहांपुर के बंडा ब्लॉक के बसंतापुर गांव के रहने वाले एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या 31 अगस्त 2016 को कर दी गई थी। उस समय वे छुटि्टयां बिताने अपने गांव आए हुए थे। इसी दौरान पत्नी ने दोस्त के साथ मिलकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड में मृतक एनआरआई के बेटे ने गवाही दी थी। उसके बाद आरोपियों के गुनाह का पर्दाफाश हो गया। कोर्ट ने सात बाद सजा का ऐलान किया। एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या के मामले में पत्नी रमन कौर को फांसी की सजा सुनाई गई है। हत्या में पत्नी की मदद करने वाले सुखजीत के दोस्त गुरुप्रीत सिंह मिट्ठू को उम्र कैद की सजा दी गई है। सुखजीत अपनी पत्नी और बेटों के साथ इंग्लैंड के डर्बी शहर में रहते थे।
सुखजीत सिंह अपने परिजनों के साथ अगस्त 2016 में अपने गांव बसंतापुर आए थे। पत्नी और दोनों बेटे भी उनके साथ थे। सुखजीत के माता-पिता भी साथ थे। कुछ दिनों तक रुकने के बाद सुखजीत के माता- पिता इंग्लैंड लौट गए। इसी बीच सुखजीत का दोस्त गुरुप्रीत मिट्ठू भी दुबई से बसंतापुर आ गया। कई दिनों तक वह वहां रुका। इसी दौरान रमन कौर और मिट्ठू ने मिलकर सुखजीत को मारने की प्लानिंग की। दरअसल, रमन और मिट्ठू के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे। सुखजीत के रहते यह संभव नहीं था। इस कारण दोनों ने मिलकर सुखजीत को रास्ते से हटाने की प्लानिंग रच डाली।
खाने में नशा मिलाकर किया बेहोश, फिर हत्या…
31 अगस्त 2016 की रात रमन कौर ने खाने में नशा मिला दिया। सुखजीत खाना खाकर सोया तो फिर कभी उठ नहीं पाया। बेहोश पड़े सुखजीत के सिर पर रमन और मिट्ठू ने हथौड़ी से वार किया। इसके बाद चाकू से गला रेत दिया। हत्या के बाद मिट्ठू दिल्ली भाग गया। वह दुबई भागने वाला था। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर उसे दबोच लिया था। सुखजीत हत्याकांड में इसके बाद रमन कौर का भी नाम आया। उसे भी गिरफ्तार किया गया।
दोस्त ने दिया था धोखा…
गुरुप्रीत सिंह मिट्ठू और सुखजीत सिंह दोस्त थे। मिट्ठू दुबई में नौकरी करता था। उसका सुखजीत के घर आना-जाना था। इसी दौरान मिट्ठू और सुखजीत की पत्नी रमन कौर की मुलाकात हुई। दोनों करीब आ गए। दोनों के बीच प्रेम पनप गया। मिट्ठू पंजाब के जालंधर के एक गांव का रहने वाला था। मिट्ठू और रमन ने शादी करने की तैयारी कर ली थी। दोनों सुखजीत को रास्ते से हटाकर देश छोड़ने की प्लानिंग कर रहे थे। लेकिन, हत्याकांड के बाद पुलिस की मुस्तैद ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। दोस्त को धोखा देने वाले को सजा का ऐलान किया गया है।
बेटे के बयान पर फांसी….
रमन कौर ने हत्या की प्लानिंग अलग ही तरीके से रची थी। वह पति की हत्या दोस्त से कराकर उसे देश से फरार कराने की कोशिश में थी। लेकिन, रमन कौर के कृत्य का गवाह उसका ही करीब 10 साल का बेटा अर्जुन सिंह बन गया। 31 अगस्त 2016 की रात उसने अपनी आंखों के सामने पिता की हत्या होते देखा। सुखजीत सिंह के सिर पर हथौड़ी मारी तो आवाज हुआ। बगल के कमरे में सो रहे अर्जुन की आंख खुल गई। वह पिता के कमरे में देखा तो वहां उनकी हत्या हो रही थी। अपने बयान में अर्जुन ने कहा था कि मां रमन कौर ने पापा सुखजीत सिंह के चेहरे को चकिए से दबाया हुआ था। इसके बाद मिट्ठू अंकल ने हथौड़ी से वार किया। इसके बाद चाकू से गला काट दिया। इसी बयान ने रमन कौर को फांसी की सजा दिला दी है।