दिवंगत शिक्षिका के अनाथ बच्चों को TSCT ने की 49 लाख रुपए की मदद

मुज़फ्फरनगर। उच्च प्राथमिक विद्यालय संभलहेडा ब्लॉक जानसठ में कार्यरत श्रीमती शाहिना परवीन का पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में निधन हो गया था । वह टीचर्स सेल्फ केयर टीम की सदस्य थी और लगातार दूसरे शिक्षकों के परिवारों को सहयोग कर रही थीं । इस माह उनके परिवार का सहयोग हुआ और प्रदेश के चार लाख से ज्यादा शिक्षकों और कर्मचारियों ने मात्र ₹15 के सहयोग से उनके परिवार को सीधे उनके बैंक अकाउंट में 49 लाख रुपए की आर्थिक मदद की है ।
बता दे की स्वर्गीय शाहिना परवीन के पति का निधन भी 4 वर्ष पहले हो चुका था और परिवार में एक बेटा और दो बेटियां हैं जो अभी पढ़ रहे हैं । शिक्षिका ने मकान बनाने के लिए बैंक से लोन भी लिया हुआ था जिसे सहयोग के दूसरे दिन ही बैंक को चुका दिया गया है । प्रदेश के शिक्षक और कर्मचारियों ने ना केवल बच्चों को उनका मकान वापस दिला दिया बल्कि उन की पढ़ाई और दोनों बेटियों की शादी की धनराशि भी भेज दी।
टीचर्स सेल्फ केयर टीम के प्रदेश संगठन मंत्री और कोर टीम सदस्य डॉक्टर फर्रुख हसन ने बताया कि टीचर्स सेल्फ के टीम की स्थापना जुलाई 2020 में विवेकानंद ने अपने कुछ साथियों के साथ की थी । आज इस संस्था से उत्तर प्रदेश के चार लाख से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारी जुड़े हुए हैं जो अपने दिवंगत साथी के परिवार को सीधे उनके अकाउंट में आर्थिक मदद करते हैं । इस महीने प्रदेश के विभिन्न जिलों के 20 दिवंगत शिक्षक परिवारों को सीधे उनके अकाउंट में लगभग 10 करोड रुपए की मदद भेजी गई है । एक परिवार के अकाउंट में प्रत्येक सदस्य द्वारा मात्र ₹15 का सहयोग किया जाता है जिससे परिवार को लगभग 50 लाख की धनराशि मिल जाती है । उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले के हर ब्लॉक में टीचर्स सेल्फ केयर टीम अपने साथियों की मदद के लिए काम कर रही है । अगले महीने से शिक्षक की बेटी की शादी के लिए कन्यादान योजना की शुरुआत की जा रही है ।
पारदर्शिता और निस्वार्थ भाव के साथ अपनी स्थापना से आज तक लगभग साढ़े चार वर्षों में टीचर्स सेल्फ केयर टीम अपने सदस्यों की सहायता से 356 शिक्षक परिवारों की लगभग 148 करोड रुपए की मदद कर चुकी है । भारत के इतिहास में किसी भी संस्था द्वारा अपने साथियों के सहयोग से इतनी बड़ी सहायता पहली बार दी गई है । दिवंगत शिक्षिका स्वर्गीय शाहिना परवीन के पुत्र मोहम्मद आजम और दोनों पुत्रियों ने उत्तर प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनके माता पिता के इस दुनिया से चले जाने के बाद, चार लाख शिक्षक और कर्मचारी उनके अभिभावक बन गए हैं । उनके द्वारा भेजी गई धनराशि से ना केवल बैंक का कर्ज उतर गया है बल्कि यह पैसा उनकी पढ़ाई लिखाई और उज्जवल भविष्य बनाने में भी बहुत काम आएगा । मुजफ्फरनगर जिले में अब तक छह दिवंगत शिक्षक परिवारों की लगभग 2 करोड़ 50 लाख रुपए की मदद की जा चुकी है।