मुल्क के इस्लामिक इतिहास में दूसरी बार अदा नहीं होंगी ईद की नमाज

-पांच वक्त और जुमा की नमाज से अलग होती है ईद की नमाज
-दो रकअत की नमाज में विशेष तौर पर पढ़ाई जाती है 6 तकबीर
-नायब शहर काजी ने कहा: घर पर ही अदा करे शुक्राने की नमाज
लियाकत मंसूरी
मेरठ। इस्लामिक इतिहास में ऐसा दूसरी बार होगा कि ईद-उल-फितर की नमाज नहीं पढ़ाई जाएगी। 2020 में भी कोरोना और लॉकडाउन होने के कारण ईद की नमाज़ को अदा नहीं किया गया था। बतादें कि ईदगाह में विशेष तौर होने वाली यह ईद की नमाज पांच वक्त और जुमा की नमाज से अलग होती है। खास यह होता है कि ईद की नमाज इमाम की पीछे ही पढ़ी जाती है। क्योंकि दो रकअत की नमाज में 6 तकबीर होती है, जो सिर्फ इमाम ही पढ़ा सकता है। ईद की नमाज वाजिब होती है। अल्लाह ने रमजान और ईद का ईनाम जो अपने बंदों को दिया है, उसका शुक्रिया अदा किया जाता है। दो रकअत नमाज शुक्राने के तौर पर पढ़ी जाती है।
नायब शहर काजी जैनुल राशिद्दीन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण यह निर्णय लिया गया है कि इस बार ईद की नमाज को नहीं पढ़ाया जाएगा। मेरठ के हालात चिंताजनक है, जिस कारण उनकी अपील है कि सभी मुस्लिम भाई ईद तो मनाए मगर अपने घरों में रहकर। ईद की नमाज घर पर अदा नहीं की जा सकती, क्योंकि यह नमाज अन्य नमाजों से अलग होती है। इसमें इमाम द्वारा 6 तकबीर पढ़ाई जाती है। तीन तकबीर पहली रकअत में और तीन तकबीर दूसरी रकअत में पढ़ाई जाती है। उन्होंने अपील की कि यह संकट का समय है, गुजर जाएगा। ईद के दिन रिश्तेदारों, दोस्तों से न मिले। वायरस से बचे। अपने घरों में रहे। ईद फिर भी आएगी। अपना और दूसरों का जीवन बचाए। ईद के दिन नए कपड़े पहनने से बचे और पुराने कपड़ों में ही ईद मनाए। इसके अलावा नायब शहर काजी ने कहा कि नमाज भी मुस्लिम अपने घरों में पढ़े।
न करे ऐसा कोई काम, जो मुल्क के खिलाफ हो
शिया शाही जामा मस्जिद मनसबिया के इमाम मौलाना महजब आब्दी ने भी ईद को नमाज ईदगाह और मस्जिदों में पढऩे से मना किया है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है। हुकुमत ने मना किया है तो हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो मुल्क के कानून के खिलाफ हो। अगर ईद की नमाज अदा की तो बीमारी फैलने का डर है। उनकी अपील है कि ईद-उल-फितर की नमाज को घर पर ही अदा किया जाए।
मुस्लिम इलाकों में सफाई की मांग
मुस्लिम उलमाओं ने मांग की कि मुस्लिम इलाकों मे साफ सफाई करायी जाए एवं सेनिटाईजर कराया जाए। फॉगिंग करायी जाए। नगर निगम द्वारा पानी की पूर्ति की व्यवस्था करायी जाए। खराब स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराया जाए। ईद के दिन बिजली की कटौती नहीं की जाए। कुछ क्षेत्रों मे सड़कें, गलियां टूटी फूटी हुई हैं, उनको तत्काल बनवाया जाए।