60 साल की उम्र के पत्रकार ने पाई कोरोना पर विजय, मात देकर हुए स्वस्थ

कोरोना का डर लोगो को अंदर से तोड़ देता है: फलकुमार
अरबाज़ क़ुरैशी
मुज़फ्फरनगर।कोरोना से देश व दुनिया के हालात किसी से छुपे नही है। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे भारत को चपेट में लिया। जिसमे सेकड़ो की तादात में जान चली गई। हालात ये थे टोकन से अंतिम संस्कार किये गए। कोरोना का प्रचण्ड रूप देखते हुए देश मे लॉक डाउन लगा दिया गया है। जिससे लोग अपने घरों में रहे ताकि संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके। हुवा भी यही लोग घरों में रहे संक्रमण की चेन टूटी मामले काफी घटे। लेकिन इस महामारी में भी सड़को पर देखे गए अपनी ड्यूटी करकर लोगो की जान बचाने वाले लोग डॉक्टर्स पत्रकार और पुलिस ओर सफाई कर्मी एंव कई संस्थाएं जो लगातार फील्ड में डटे हुए है,जो रियल हीरो है। जिन्होंने अपना फर्ज निभाते हुए अपनी ड्यूटी की खातिर अपने प्राण दाव पर लगा रखी है।
जनपद मुज़फ्फरनगर के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. फलकुमार पंवार जो स्थानीय समाचार पत्र सहित मीडया के कई चेनलो की जिला कमान सँभालते है। वो पत्रकारिता के कर्तव्य को निभाते हुए कोरोना की चपेट में आ गए थे। जो लगभग 60 वर्ष के है। जिन्होंने कुछ ही दिनों में कोरोना को मात दे दी है। उनका कहना है कि 18 मई को उन्होंने कोविड 19 टैस्ट कराया एंटीजन रिपोर्ट नेगेटिव आई जबकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट 21 मई को पॉजिटिव रिपोर्ट आई। लोग डर में मर रहे है। उन्होंने सोचा ही नही, मुझे कोरोना हो गया हैं। 21 मई से घर मे ही आई सोलेट हूँ। 28 मई को दूसरा टेस्ट कराया एंटीजन नगेटिव आरटीपीसीआर का रिजल्ट आना बाकी हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के लिए सन्देश है कि कोरोना महामारी हैं इससे बचने के लिए मास्क के साथ ज्यादा समय घर रहे बहुत जरूरी हो तो बाहर निकले वही अपने को मजबूत रखे। नकारात्मक ऊर्जा को अपने पास नही फटकने दे। ईश्वर का नाम ले इस बीमारी को सीरियस तो माने लेकिन अपने ऊपर हावी नही होने दे। अंदरूनी शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए प्राणायाम, कपालभाति, अनोमविलोम करे।कोरोंना आपका कुछ बिगाड़ नही पायेगा।