सहनशीलता से रहने की प्रेरणा देता है क्षमावाणी पर्व

दिगंबर जैन मंदिर में मनाया गया दस लक्षण पर्व उपरांत क्षमावाणी पर्व
मेरठ। आनंदपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में दस लक्षण पर्व उपरांत क्षमावाणी पर्व मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया। इसके उपरांत भगवान पर शांति धारा की गई।
शांति धारा का सौभाग्य मुकेश जैन एवं सत्येंद्र जैन को प्राप्त हुआ। इसके बाद क्षमावाणी पर्व पर क्षमावाणी पूजा, महावीर भगवान की पूजा एवं 16 कारण पूजा की गई। मुनि श्री सौरभ सागर के 27वें दीक्षा दिवस पर मंशापूर्ण महावीर विधान किया गया। मांडले पर 100 अर्घ चढ़ाए गए। सायं काल सामूहिक आरती की गई। अभिषेक शांतिधारा में सुनील जैन प्रवक्ता, अरुण जैन, राजीव जैन, विनय जैन का सहयोग रहा।
प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि क्षमा पर्व हमें सहनशीलता से रहने की प्रेरणा देता है। क्रोध को पैदा न होने देना और अगर हो भी जाए तो अपने विवेक, नम्रता से उसे विफल कर देना। अपने भीतर आने वाले क्रोध के कारण को ढूँढकर, क्रोध से होने वाले अनर्थों के बारे में सोचना और अपने क्रोध को क्षमारूपी अमृत पिलाकर अपने आपको और दूसरों को भी क्षमा की नजरों से देखना। अपने से जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए खुद को क्षमा करना और दूसरे के प्रति भी इसी भाव को रखना इस पर्व का महत्व है। अपने अंदर क्षमा के गुणों का निरंतर चिंतन करते रहना। सभी श्रावक-श्राविकाओं ने आपस में एक दूसरे से क्षमा भाव प्रकट किए। इस प्रकार क्षमावाणी पर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।