विशाल जुलूस के साथ जम्बूद्वीप में हुआ ज्ञानमती माता का आगमन

नौ माह से दिल्ली में थी माताजी, हस्तिनापुर में फूल बरसाकर किया गया स्वागत
मेरठ-हस्तिनापुर। जैन साध्वी गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी का मंगल प्रवेश शनिवार को धूमधाम के साथ जम्बूद्वीप में हुआ। इस अवसर पर प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती माताजी, पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी, संघपति सुजाता शाह आदि विशेष रूप से उपस्थित रहें।
संस्थान के प्रबंध मंत्री डॉ. जीवन प्रकाश जैन ने बताया कि ज्ञानमती माताजी का मंगल विहार हस्तिनापुर से दिल्ली की ओर विगत 10 मार्च 2021 को हुआ था। माताजी पिछले 9 महीने से राजधानी दिल्ली में अपना सान्निध्य प्रदान कर रही थीं। दिल्ली में माताजी की प्रेरणा से कनॉट प्लेस एरिया में चक्रवर्ती भगवान भरत ज्ञानस्थली दिगम्बर जैन तीर्थ का निर्माण हुआ है। जिसके निमित्त से माताजी का दिल्ली गमन हुआ था। इस तीर्थ की भव्य प्राणप्रतिष्ठा जून 2021 में सम्पन्न हुई, जिसके उपरांत माताजी का चातुर्मास भी दिल्ली में सम्पन्न हुआ।
इन सभी कार्यक्रमों के उपरांत 25 नवम्बर को माताजी का मंगल विहार राजधानी दिल्ली से हस्तिनापुर के लिए हुआ था। दिल्ली की अनेक कालोनियों में ऐतिहासिक धर्मप्रभावना के उपरांत गाजियाबाद, मुरादनगर, मोदीनगर, मेरठ व मवाना होते हुए शनिवार को माताजी का मंगल आगमन जम्बूद्वीप तीर्थ पर विशाल जुलूस के साथ हुआ।
500 से अधिक ग्रंथों को लिखा
माताजी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी हैं। जिन्होंने हस्तिनापुर में जम्बूद्वीप तीर्थ निर्माण के साथ ही देश के अनेक स्थानों पर जैन तीर्थों का निर्माण कराया। जैन संस्कृति का ऐतिहासिक विकास और संरक्षण किया है। मात्र चौथी कक्षा पास होकर भी जैनधर्म के कठिन से कठिन सिद्धांतों पर 500 से अधिक ग्रंथ लिखकर समाज को प्रदान किये हैं। ऐसी महान साध्वी का आगमन पुन: जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में हुआ, जिससे हस्तिनापुरवासी आदि जैन समाज के सभी भक्तों में हर्ष की लहर है।
पुणे की सुजाता ने कराया मंगल विहार
इस अवसर पर आसपास के मेरठ, मवाना, सरधना, बड़ौत, खतौली, दिल्ली आदि स्थानों से भक्तगण आए। भक्तों ने माताजी का मंगल पदार्पण किया। विशेषरूप से सुनील जैन, मनोज जैन, राकेश जैन-मेरठ, धरणेन्द्र जैन-दिल्ली, सुधांशू जैन, सतीश जैन, मुकेश जैन-सरधना से, अशोक जैन-मेरठ, विशाल जैन-मेरठ, डॉ. जीवन प्रकाश जैन, प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जैन आदि भक्त उपस्थित रहें। माताजी का मंगल विहार दिल्ली से हस्तिनापुर कराने के लिए संघपति का दायित्व संघपति सुजाता शाह-पुणे ने निभाया।